देहरादून: जोशीमठ के प्रभावित छात्र-छात्राओं को सरकार से राहत

देहरादून: जोशीमठ के प्रभावित छात्र-छात्राओं को सरकार से राहत

देहरादून, अमृत विचार। जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित छात्र-छात्राओं की परेशानी देखते हुये उन्हें बोर्ड परीक्षा के लिये परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट दी जायेगी। शीघ्र ही प्रभावित छात्र-छात्राओं से परीक्षा केन्द्र के लिये विकल्प मांगे जायेंगे। 

आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ दौरे से लौटने पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को शिक्षा महानिदेशालय में विभागीय बैठक में कहा कि जोशीमठ के राहत कैंपों में रह रहे प्रभावित छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने में कोई परेशानी न हो इसके लिये उन्हें अपनी सुविधानुसार किसी भी शहर में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूची तैयार कर शीघ्र संबंधित बोर्ड के अधिकारियों को प्रभावित छात्र-छात्राओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। 

डॉ. रावत ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अधिकतर छात्र-छात्राएं उत्तराखंड बोर्ड व सीबीएससी बोर्ड के विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। इस संबंध में सीबीएससी बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी व उत्तराखंड बोर्ड के सचिव को प्रभावित छात्र-छात्रों को उनकी सुविधानुसार बोर्ड परीक्षा केन्द्र आवंटित कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।
‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर चित्रकला प्रतियागिता 
बैठक में डॉ. रावत ने आगामी 27 जनवरी को प्रधानमत्रीं के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ की तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यक्रम के माध्यम से बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को सम्बोधित करेंगे। प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों के विद्यालयों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया जायेगा, जिसकी सभी तैयारियों के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 20 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रदेशभर के विद्यालयों में चित्रकला प्रतियागिता का आयोजन किया जायेगा, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर आधारित होगी। जिसमें विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। दोनों कार्यक्रमों में सांसद, स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति जरूरी है। इसके विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये। 

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