हल्द्वानी: नेपाल से यूपी बॉर्डर तक ‘उड़ती चिड़िया’ गिनेगा जंगलात

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अंकुर शर्मा, हल्द्वानी। जंगलात पहली बार नेपाल से उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक चिड़िया की गिनती करेगा। इनमें स्थानीय के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां व संख्या का आकलन किया जाएगा। 

तराई पूर्वी वन डिवीजन के 82,489 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले जंगल नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिलों में नेपाल व उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक हैं। जंगलात पहली बार तराई पूर्वी वन डिवीजन में बर्ड्स एंड बायो डायवर्सिटी सर्वे करने जा रहा है। 27 से 30 जनवरी तक चार दिनी इस सर्वे में नौ रेंजों में सर्वे होगा।

इस सर्वे में वन कर्मी, वालंटियर्स नेचर ट्रेल और जंगलों में स्थानीय पक्षी, प्रवासी पक्षियों की निगेहबानी करेंगे। सर्वे में पक्षियों के फोटोग्राफ, मौजूदगी स्थल, संख्या, घरौंदे आदि का डाटा इकट्ठा किया जाएगा। दरअसल, अभी तक तराई पूर्वी वन डिवीजन में पक्षियों की प्रजाति व संख्या को लेकर कोई भी प्रमाणित डाटा नहीं है। इस सर्वे के बाद से डिवीजन में पक्षियों की प्रजाति, वास स्थल, संख्या आदि को प्रमाणित डाटा तैयार होगा। सर्वे को लेकर वन कर्मचारियों, वालंटियर्स को एक दिन पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसको लेकर वन महकमा खासा उत्साहित है। 

इन स्थानों पर रहेगी विशेष नजर 
तराई पूर्वी वन डिवीजन के अंतर्गत बैगुल डैम, नानकमत्ता डैम, शारदा, ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल, मल्लाखाल ग्रासलैंड में विशेष नजर रहेगी। यहां प्रवासी पक्षियों की आमद ज्यादा होने की संभावना है।   

 24 जनवरी है रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 
वन अधिकारियों के अनुसार, इस सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 24 जनवरी और फीस जमा करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी है। इच्छुक पक्षी प्रेमी वन विभाग की साइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।


तराई पूर्वी वन डिवीजन में पहली बार बर्ड्स सर्वे 27-30 जनवरी तक होगा। इसमें वालंटियर्स और पक्षी प्रेमी भी हिस्सा ले सकते हैं। पक्षी प्रेमी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। सर्वे की तैयारियां जोर शोर से हो रही है, इससे डिवीजन में पक्षियों का एक प्रमाणित डाटा बैंक बनाने में मदद मिलेगी।

-अनिल जोशी, एसडीओ गौला, तराई पूर्वी वन डिवीजन, हल्द्वानी