बरेली: रंग लाई मेहनत : 60 वर्ष बाद छावनी परिषद ने कब्जा मुक्त कराई 3.637 एकड़ भूमि
बरेली अमृत विचार, अमृत विचार। छावनी परिषद के छह दशक के लंबे प्रयास के बाद आखिरकार अतिक्रमणकारियों से 3.637 एकड़ रक्षा भूमि कब्जा मुक्त करा ली गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कब्जा मुक्त कराई गई भूमि की सरकारी कीमत 8 करोड़ 40 लाख 617 रुपये आंकी गई है। शुक्रवार को पुलिस के साथ पहुंचे अफसरों ने भूमि पर परिषद का बोर्ड लगा दिया ।
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विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह भूमि 1963 से ठिरिया निजावत खां क्षेत्र निवासी दोद राम की मृत्यु के बाद उनके पुत्र हरी बाबू, ओम प्रकाश, राम औतार के कब्जे में थी। भूमि को कई कब्जा मुक्त कराने के प्रयास भी किया गया। 2014 में अवैध कब्जेदारों को बेदखली आदेश जारी किया गया था , जिसे न्यायालय ने स्टे कर दिया गया।
इसके बावजूद भी परिषद के अधिकार भूमि को मुक्त कराने के लिए डटे रहे। इसके बाद बीते वर्ष मुख्य अधिशासी अधिकारी विवेक सिंह के नेतृत्व में कब्जा हटाओ अभियान चलाया गया। इस अभियान में विभाग को सफलता मिली और परिणाम स्वरूप 60 साल बाद रक्षा भूमि को पूर्णतया मुक्त करा दिया गया। अभियान में जेई मनोज यादव, भूमि लिपिक अशरफ अली, राजस्व निरीक्षक विकास गुप्ता, सफाई निरीक्षक मनोज कुमार तिवारी, दीप कुमार सक्सेना, सूर्य कुमार आदि शामिल रहे।
रक्षा भूमि को मुक्त कराने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। कब्जामुक्त कराई भूमि का सदुपयोग परिषद के राजस्व वृद्धि के लिए किया जाएगा। इसके लिए योजना तैयार कराई जा रही है---विवेक सिंह, मुख्य अधिशासी अधिकारी, छावनी परिषद।
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