Delhi Mayor Election: दिल्ली के मेयर का चुनाव फिर टला, MCD की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
महापौर, उप महापौर को चुने बिना एमसीडी सदन की कार्यवाही स्थगित
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की बैठक मंगलवार को शुरू हुई जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के विरोध के बावजूद निर्वाचित प्रतिनिधियों से पहले उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों ने शपथ ली। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सदन की बैठक में भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी और मार्शल तैनात किए गए। कुछ पार्षदों के हंगामे के बीच दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन की कार्यवाही मंगलवार को महापौर और उप महापौर का चुनाव कराए बिना स्थगित कर दी गई।
‘एल्डरमैन’ और निर्वाचित पार्षदों की शपथ के बाद, सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों ने सदन में ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारे लगाये और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की।
आप पार्षद ने की इन लोगों को सदन से बाहर करने की मांग
मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल ने कहा जो लोग वोट डालने के पात्र नहीं है, उनको सदन के बाहर बैठाया जाए। फिलहाल 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई।
दूसरी बार भी नहीं हो सका एमसीडी मेयर का चुनाव
दिल्ली नगर निगम का सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। ऐसे में मेयर चुनाव फिर फंसा गया है. बीजेपी पार्षदों के लगातार हंगामे के बाद सदन स्थगित किया है। इससे पहले भी 6 जनवरी को मेयर का चुनाव नहीं हो सकता था।
भाजपा पार्षद उस बेंच की ओर गए, जहां आप पार्षद बैठे थे और नारेबाजी की, जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया। एमसीडी के 250 सदस्यीय सदन की बैठक में मंगलवार को निर्वाचित प्रतिनिधियों से पहले उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों ने शपथ ली। इस दौरान आप पार्षदों ने ‘शेम (शर्म करो), शेम (शर्म करो)’ के नारे लगाए।
वहीं, मनोनीत सदस्यों ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद ‘‘जय श्री राम’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे लगाए। इसके बाद दोनों दलों के कुछ पार्षदों के बीच सदन के एक गलियारे में तीखी नोकझोंक हुई। पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘सदन की कार्यवाही इस तरह नहीं चल सकती...सदन की कार्यवाही को अगली तारीख तक के लिए स्थगित किया जाता है।’’ एमसीडी सदन की छह जनवरी को हुई पिछली बैठक के दौरान हुई अव्यवस्था की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सदन कक्ष, सिविक सेंटर परिसर में भारी सुरक्षा तैनाती थी।
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