यह चमत्कार है या कोई ट्रिक!, बागेश्वर धाम वाले बाबा कैसे जान लेते है मन की बात

यह चमत्कार है या कोई ट्रिक!, बागेश्वर धाम वाले बाबा कैसे जान लेते है मन की बात

नई दिल्ली। कहते हैं इस संसार में जो भी घटित हो रहा है, उसके पीछे कुछ न कुछ वजह होती है। आज बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों की अर्जी को वह भगवान हनुमान के पास लगाते हैं और वहीं से जवाब आता है।

उनसे कई बार लोग अपनी परेशानी को पूछ भी नहीं पाते हैं उससे पहले ही वह सवाल और निवारण बताते हैं, यह बात तो हम सब जानते हैं कि हर व्यक्ति अलग-अलग समय पर अलग-अलग बातें सोचता है, उसके मन के विचार अलग-अलग हो सकते हैं।

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किसी व्यक्ति के दिमाग में चल रही इन बातों को सामने वाला व्यक्ति जान पाए, ऐसा मुश्किल नजर आता है। इसके बारे में जब बाबा से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब मैं गद्दी पर नहीं बैठा होता हूं तो एक साधारण इंसान रहता हूं। गद्दी पर बैठने के बाद भगवान बालाजी और हनुमान जी से जो आदेश मिलते हैं, उन्हें पुर्जी पर लिख देता हूं।

भगवान हनुमान के पास अर्जी लगाने सहित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अन्य दावों पर बहुत से लोग विश्वास करते हैं। वहीं कई लोग इसे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं।

लेकिन इन दिनों बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इसी बात को लेकर काफी चर्चा में हैं क्योंकि उनके भक्तों की मानें तो वो बिना किसी से पूछे उनके मन में चल रहे विचारों को बता देते हैं, लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं, ऐसे में आपका सोचना लाजमी है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? क्या बाबा सच में चमत्कारी हैं या फिर इसके पीछे माइंड रीडिंग छुपी है? तो चलिए जानते हैं 

धीरेंद्र-शास्त्री-श्याम-मानव

बाबा पर लगाया अंधविश्वास फैलाने का आरोप

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में 'जादू-टोना' को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी करने और शोषण करने का भी आरोप लगाया है। इसके बाद से लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया में लोग दो पक्षों में बट गए हैं। एक वो हैं जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन कर रहे हैं और दूसरे वो हैं जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दावों का विरोध कर रहे हैं।

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यह क्या है? चमत्कार या माइंड रीडिंग टेक्निक

बागेश्वर धाम वाले महाराज के पास क्या कोई ईश्वरीय ताकत है?  वह कैसे लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं? इस विषय में सभी लोगों की अलग-अजग राय है। कई लोग कह रहे हैं कि अगर उनके पास सही में कोई चमत्कारिक शक्ति है तो जोशीमठ की दरारों को भर दें।

हालांकि खुद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चमत्कार करने की बात का खारिज करते हैं। इस क्रम में देश की जानी मानी मेंटलिस्ट सुहानी शाह की भी चर्चा  हो रहीं है। बागेश्वर धाम वाले बाबा के चर्चा में आने के बाद से वह कई टीवी चैनलों में बागेश्वर धाम वाले बाबा कि तरह दूसरे के मन की बात पढ़ने का दावा कर चुकी हैं। एक नेशनल टीवी चैनल पर सुहानी ने एंकर के मन की बात को पढ़कर चौंका दिया।

दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब लोगों के मन की बात पढ़ते हैं तो वह बताते हैं कि यह उनके ईष्ट की कृपा है, जिससे साफ होता है कि वह इसे धर्म से जोड़ते हैं। वहीं टीवी चैनलों में डिबेट के दौरान महिला जादूगर शिवानी साह को बुलाया जा रहा है, जिसमें वह लोगों के मन पढ़ने का डेमों दे हैं। इसके साथ ही वह कहती हैं कि यह ह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि एक ट्रिक के जरिए ये किया जाता है।

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क्या होता है माइंड रीडिंग? कैसे पढ़ सकते हैं सामने वाले व्यक्ति के मन की बात?

 माइंड रीडिंग का मतलब होता है बिना जाने सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है उसे जानना। किसी के मन की बात या विचार को जानना ही माइंड रीडिंग कहलाता है। इस क्रिया में व्यक्ति अलर्ट रहकर और अपना दिमाग खुला रखकर सामने वाले व्यक्ति की फीलिंग को समझता है।

कुछ मनोवैज्ञानिक तरकीबें और सलाह के जरिए दूसरे व्यक्ति के दिमाग को प्रभावी ढंग से पढ़ा जाता है। मनोवैज्ञानिक इसे साहनुभूति सटीकता कहते हैं, जिससे ये संकेत मिलते हैं कि सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है इसका थोड़ा बहुत अंदाजा मिल जाता है। माइंड रीडिंग करने वाले लोग इसका निरंतर अभ्यास करते हैं। कहा जाता है कि ये लोग दिन में कम से कम दो से तीन बार ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है।

कई लोग ये समझते हैं कि शायद माइंड रीडिंग विज्ञान पर आधारित है। पर यहां ये भी समझना जरूरी है कि माइंड रीडिंग सटीक विज्ञान पर आधारित नहीं है। जानकार मानते हैं कि आप हर बार सही नहीं हो सकते कि सामने वाले व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है। हो सकता है कि आप गलत भी हो, क्योंकि यहां पर आप केवल प्रासंगिक सुरागों के आधार पर ही अनुमान लगाते हैं।

इन चीजों से लगाया जाता है अंदाजा

माइंड रीडिंग करते समय इस बात का ध्यान दिया जाता है कि सामने वाले के शारीरिक हावभाव कैसे हैं। व्यक्ति की आंखें कैसी हैं, उसकी मुद्रा कैसी है, उसके चेहरे के हावभाव क्या कह रहे हैं, बोलने के हिसाब से आदि तरीकों को देखकर माइंड रीडिंग करने में मदद मिलती है।

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