देश में पहली बार महिलाओं की संख्या पुरूषों से ऊपर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत में महिलाओं की संख्या पहली बार पुरूषों से अधिक पहुंच गयी है और महिलाएं हर मोर्चे पर बढ चढ कर देश को आगे बढाने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा ,बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं।

देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा,  मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आज की हमारी बहनें और बेटियां उत्कल भारती के सपनों के अनुरूप विश्व स्तर पर अपनी कीर्ति पताका लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो।

आज महिलाओं के लिए खनन कार्य से लेकर सेना के अग्रिम मोर्चे तक सभी क्षेत्रों को भर्ती के लिए खोल दिया गया है। सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों तक में अब हमारी बेटियां पढाई और प्रशिक्षण कर रही हैं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में महिलाओं के लिए कार्य परिस्थितियों को सुगम बनाने के सरकार के निर्णयों का भी उल्लेख किया और कहा,  यह मेरी सरकार ही है जिसने मातृत्व अवकाश को बारह सप्ताह से बढाकर 26 सप्ताह किया है।  

श्रीमती मुर्मू ने अपने गृह प्रांत ओड़िशा की सुप्रसिद्ध कवयित्री उत्कल भारती कुंतला कुमारी साबत की सौ वर्ष पहले की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा ,  वसुंधरा - तले भारत रमणी नुहे हीन नुहे दीन , अमर कीरति कोटि युगे केभें जगतुं नोहिब ली यानी भारत की नारी पृथ्वी पर किसी की भी तुलना में न तो दीन है और न ही हीन है तथा संपूर्ण जगत में उसकी अमर कीर्ति युगों युगों तक कभी लुप्त नहीं होगी यानी सदैव बनी रहेगी।

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