मुरादाबाद: बोले सांसद, कारपोरेट घरानों को लाभ

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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जनहित नहीं, सरकार को पूंजीपतियों की चिंता, किसान, अल्पसंख्यक, गोवंश की भी सरकार ने की बजट में अनदेखी

मुरादाबाद, अमृत विचार। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत बजट पर सत्तापक्ष के नेता भले ही फीलगुड का ढोल पीट रहे हैं लेकिन, मुरादाबाद से सांसद और लोकसभा में सपा संसदीय दल के नेता डॉ. एसटी हसन ने इसे कोरा चुनावी और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया। उन्होंने भाजपा के इस दावे की खिल्ली भी उड़ाई कि चुनाव के समय उन्हें अल्पसंख्यक, गोवंश पर मोह उमड़ता है लेकिन, बजट में गोशाला के रखरखाव, बेसहारा पशुओं के जान की परवाह की याद नहीं आई। 

बजट पर अमृत विचार से चर्चा के दौरान सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि इस बजट में पर्दे के पीछे खेल कुछ और है। ढोल पीटने से सच्चाई नहीं छिपती। उन्होंने वेतनभोगी वर्ग को लुभाने के लिए आयकर में छूट की सीमा सात लाख रुपये करने पर भी सरकार की नीयत को कटघरे में खड़ा किया। उनका कहना है कि एक तरफ तो छूट की सीमा सात लाख रुपये करने की बात की गई तो दूसरी तरफ सेविंग्स पर कटौती से छूट को खत्म कर दिया। इस लिहाज से तो पांच लाख रुपये की सीमा ही सभी वर्ग के लिए उचित थी। 

यह छूट का दिखावा है। सांसद ने कहा कि बजट में किसानों, अल्पसंख्यक वर्ग, छात्रों, बेजुबानों तक की उपेक्षा की गई है। शिक्षा पर कुछ नहीं किया गया है। किसानों को खाद, बीज में सब्सिडी नहीं दी गई। गृहिणियों के किचन के बजट को भी ध्यान में नहीं रखा गया। कहा कि इस चुनावी बजट से सरकार केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। उसे जन सामान्य के हित की चिंता नहीं है। केवल ढोल पीटकर एक बार फिर केंद्र की सत्ता पाने की सोच बजट में परिलक्षित है।

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