सिक्किम के नेपाली समुदाय को विदेशी बताने पर न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की गई

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Published By Om Parkash chaubey
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गंगटोक। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा है कि करीब दो हफ्ते पहले एक आदेश में ‘‘सिक्किमी नेपाली समुदाय को अनजाने में विदेशी के रूप में उल्लेख’’ किए जाने को लेकर सुधार के लिए उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है। तमांग ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में विधि विशेषज्ञों के साथ राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता और विधि सचिव इस मामले को देख रहे हैं।

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उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं सबको यह बताना चाहता हूं कि सिक्किम सरकार ने 13 जनवरी, 2023 को सुनाए गए फैसले में कुछ टिप्पणियों को लेकर सिक्किमी लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक पुनर्विचार याचिका दायर की है।"

तमांग ने बृहस्पतिवार को कहा, "मैं केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू और देश के शीर्ष विधि अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए नयी दिल्ली जा रहा हूं।" उन्होंने कहा कि इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है और सिक्किम के लोगों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।

इस बीच सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री मणि कुमार शर्मा ने इस मुद्दे से निपटने के राज्य सरकार के तरीके पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने तमांग को लिखे एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने सिक्किम के लोगों की भावनाओं को गंभीरता से नहीं लिया है। शर्मा ने कहा, "मुझे महसूस होता है कि मेरा राज्य मंत्रिमंडल में बने रहना जरूरी नहीं है।"

उन्होंने तमांग से तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया। तमांग ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू से बातचीत की जि न्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत सरकार सिक्किम सरकार की याचिका का समर्थन करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो खुद भी इसी तरह की एक समीक्षा याचिका दायर करेगी। उच्चतम न्यायालय ने 13 जनवरी 2023 के अपने आदेश में केंद्र को आयकर कानून 1961 की धारा 10 (26एएए) में 'सिक्किमी' की परिभाषा में संशोधन करने का निर्देश दिया था।

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