मोहन भागवत के बयान का अयोध्या में संतों ने किया विरोध, कही ये बड़ी बात

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Published By Jagat Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अयोध्या के संतों ने विरोध दर्ज कराया है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जाति की श्रेणी पंडितों ने नहीं बनाई है। समाज में वर्ण व्यवस्था गुण और कर्म के अनुसार निर्धारित है, लेकिन राजनीतिज्ञों और पदों पर आसीन लोग वर्ण व्यवस्था में भेदभाव कर रहे हैं। सिर्फ सत्ता प्राप्त करने के लालच में लोगों को जातियों में बांटा जा रहा है। यह वर्ण व्यवस्था पंडितों ने नहीं बल्कि राजनीतिज्ञों ने बनाई है।

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तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होकर समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है। सवर्ण समाज ने देश और धर्म के लिए हमेशा बलिदान दिया है। 10 साल के लिए लागू आरक्षण 70 साल तक आरक्षण समाप्त नहीं हो सका है। विद्यालयों में दलित का बेटा मामूली खर्च पर शिक्षा लेता है। सवर्णों ने हमेशा दलित का सम्मान किया है। देश विरोधी ताकतें समय-समय पर हिंदुओं को लड़ा रही हैं। आपस में सबको मिलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए।

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