बरेली: कम खर्च में कर सकते हैं बकरी पालन
आईवीआरआई के कृषि विज्ञान केंद्र और प्रसार शिक्षा की ओर से बकरी पालन उद्यमिता
अमृत विचार। संयुक्त निदेशालय प्रसार शिक्षा और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की ओर से 7 फरवरी से चल रहे चार दिवसीय बकरी पालन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण का शनिवार को समापन हो गया। यह प्रशिक्षण अनुसूचित जाति-जनजाति सब प्लान के तहत आयोजित हुआ।
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संस्थान के संयुक्त निदेशक प्रसार डा. रूपसी तिवारी ने बताया कि बकरी गरीब की गाय कहलाती है। बहुत अल्प आय वाला किसान या कृषक महिला भी बकरी को खरीद कर उसको पाल सकती है। जहां एक और पशुपालन में खर्चा अधिक आता है वहीं बकरी पालन बहुत कम खर्च में किया जा सकता है। आजकल बकरी का दूध ऊंचे दामों पर बिक रहा है। कृषक महिलाएं इसको स्वरोजगार का साधन बना सकती हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. बृजपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर इस व्यवसाय को अवश्य आरंभ करें एवं कृषि विज्ञान केंद्र से किसी भी मदद के लिए सदैव यहां आए व जानकारी प्राप्त करें।
प्रसार शिक्षा विभाग की वैज्ञानिक डा. श्रुति ने उपस्थित महिलाओं एवं कृषकों को जानकारी दी। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ रंजीत सिंह, वीर सिंह व आरएल सागर व डॉ. सार्दुल लाल ने भी सहयोग प्रदान किया। इसमें 40 कृषकों एवं महिलाओं ने भाग लिया।
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