वनडे विश्व कप टीम से बाहर होना जीवन का सबसे मुश्किल दौर, खेल छोड़ने पर विचार कर रही थी : जेमिमा रोड्रिग्स

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

टी20 विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ विजयी रन बनने तक जेमिमा रोड्रिग्स ने 12 महीने से भी कम समय में शानदार वापसी की है

केपटाउन। पिछले साल न्यूजीलैंड में वनडे विश्व कप की टीम में जगह बनाने की दौड़ में पिछड़ने से लेकर रविवार को टी20 विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ विजयी रन बनने तक जेमिमा रोड्रिग्स ने 12 महीने से भी कम समय में शानदार वापसी की है। रविवार को यहां भारत के महिला टी20 विश्व कप के पहले मैच में सात विकेट की जीत में 38 गेंद में नाबाद 53 रन बनाने वाली जेमिमा ने कहा कि एक समय तो वह खेल छोड़ने के बारे में भी विचार कर रही थी। 

जेमिमा ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मुझे लगता है कि पिछले साल इस समय जब मैं घर पर थी और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं थी क्योंकि मुझे (भारत की) 50 ओवर के विश्व कप की टीम से बाहर कर दिया गया था। यह मेरे लिए सबसे कठिन समय था लेकिन उस दौरान बहुत सारे लोग थे जिन्होंने मेरी मदद की।

उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो कई बार मेरे पास खुद को बताने के लिए कुछ नहीं था। कई बार मैंने हार मान ली थी। मेरे पास आगे बढ़ने की ताकत नहीं थी और मुझे पता है कि बहुत से लोग कहते हैं कि आपको खुद को प्रेरित करने की जरूरत थी पर जब कोई व्यक्ति इस तरह की चीजों से गुजरता है तो वही बता सकता है कि उसे किस चीज का सामना करना पड़ रहा है। जेमिमा अपने आसपास के माहौल, विशेष रूप से अपने निजी कोच प्रशांत शेट्टी और अपने पिता की आभारी हैं जिन्होंने उन्हें उस कठिन दौर से बाहर निकालने में मदद की। वह अपने बेसिक्स पर लौटी और धूल भरे आजाद मैदान की पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल पिच पर अंडर-14 और अंडर-19 लड़कों के खिलाफ खेली जिसका उन्हें काफी फायदा मिला। उन्होंने कहा, जैसा मैंने कहा, मैंने ब्रेक लिया, फिर मैं अपने कोच प्रशांत शेट्टी और अपने पिता (इवान) के पास वापस गई। हमने एक योजना बनाई, जैसे एक हफ्ते में मैं मुझे दो मैच खेलने थे, मैच खेलने को अधिक समय देना था और बाकी समय मैं अभ्यास करती। रविवार को मेरी छुट्टी होती थी।

जेमिमा ने कहा, यह बहुत चुनौतीपूर्ण है, सुबह के समय बहुत ओस होती थी। उन हालात में मुझे अंडर -19 लड़कों के साथ खेलना था। ऐसी परिस्थितियों में खुद को रखने से मुझे अपनी सहज स्थिति से बाहर निकलने में मदद मिली। जेमिमा ने अंडर-14 लड़कों के खिलाफ खेलते हुए अपना विकेट नहीं गंवाने का निश्चय किया था। जेमिमा को अब भी न्यूजीलैंड में पिछले साल के 50 ओवरों के विश्व कप में नहीं खेल पाने का मलाल है। 

उन्होंने कहा, मेरा मतलब है कि हमने उस दौरान वास्तव में कड़ी मेहनत की और मुझे याद है कि मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं थी। मैंने एक ब्रेक लिया था क्योंकि क्रिकेट एक ऐसी चीज है जिसे खेलना मुझे पसंद है, ऐसा कुछ है जिसे मैं करना पसंद करती हूं और विश्व कप में खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है और इसमें नहीं खेल पाने से उबरने में थोड़ा समय लगा।

पाकिस्तान के खिलाफ मैच विजेता पारी से पहले अपनी खराब फॉर्म के बारे में जेमिमा ने कहा, मुझे लगता है कि एक बल्लेबाज के रूप में जब आप रन नहीं बना रहे होते हैं तो यह निश्चित रूप से सुखद समय नहीं होता है लेकिन मैं वास्तव में नेट पर कड़ी मेहनत कर रही थी। जेमिमा और रिचा घोष (20 गेंद पर नाबाद 31) ने चौथे विकेट के लिए नाबाद 58 रन की साझेदारी कर पाकिस्तान के चार विकेट पर 149 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को जीत दिलाई। जेमिका ने कहा कि वह पहली महिला प्रीमियर लीग में खेलने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती जिसकी नीलामी सोमवार को मुंबई में होनी है। उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैं सिर्फ डब्ल्यूपीएल खेलना चाहती हूं। मुझे परवाह नहीं है कि कौन सी टीम मुझे लेने जा रही है और मैं सिर्फ इसका हिस्सा बनना चाहती हूं क्योंकि यह भारत में सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है और हमने इसके लिए बहुत लंबा इंतजार किया।

ये भी पढ़ें :  Women's T20 World Cup : Jemimah Rodrigues ने मनाया जीत का जश्न, याद आए 'King Kohli'...देखें Video

संबंधित समाचार