IIT-बंबई के छात्र की मौत, जाति आधारित आरोपों की व्यापक जांच हो : आठवले

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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मुंबई। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बंबई का दौरा कर प्रथम वर्ष के ‘दलित’ छात्र की मौत और उसके जातिगत भेदभाव का सामना करने के आरोपों की गहन जांच की मांग की है। इस प्रतिष्ठित संस्थान के पवई परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से रविवार को कथित तौर पर कूदने के बाद दर्शन सोलंकी (18) की मौत हो गई।

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अहमदाबाद का रहने वाला सोलंकी बीटेक (केमिकल) पाठ्यक्रम का प्रथम वर्ष का छात्र था। आईआईटी-बंबई ने मंगलवार को संस्थान में जातिगत पूर्वाग्रह के आरोपों को खारिज किया और कहा कि दर्शन के दोस्तों से मिली शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि कोई भेदभाव नहीं था। संस्थान ने छात्रों से पुलिस और मामले की आंतरिक जांच खत्म होने तक इंतजार करने का आग्रह किया।

बुधवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए आठवले ने कहा, “मैंने मामले की गहन जांच की मांग की है। बीटेक के छात्र के साथ जातिगत भेदभाव का आरोप है। मैंने अधिकारियों से इस नजरिये से भी जांच करने को कहा है।” उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो तो कार्रवाई की जानी चाहिए। आठवले ने कहा कि सोलंकी ने रविवार को अपने पिता को फोन किया और उन्हें सूचित किया कि एक पेपर को छोड़कर उसकी पहले सेमेस्टर की अन्य परीक्षाएं अच्छी रही हैं।

उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें चिंता न करने को कहा था और जल्द ही मुंबई आने की बात कही थी। हालांकि, आधे घंटे बाद सोलंकी ने अपने छात्रावास से छलांग लगा दी और उसकी मौत हो गई। मंत्री ने कहा, “यह बहुत ही गंभीर घटना है।

2014 में एक दलित छात्र ने भी इसी तरह से अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी। छह महीने पहले भी आईआईटी-बी के बाहर एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। मुझे इस बात की भी जानकारी है कि आईआईटी-मद्रास के दो छात्रों ने भी खुदकुशी कर ली थी। ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और उनकी उचित तरीके से जांच होनी चाहिए।”

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