मुरादाबाद : डेढ़ लाख परिवारों की होगी टीबी की जांच, घर-घर चलेगा अभियान 

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Published By Bhawna
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20 फरवरी से तीन मार्च तक दो चरणों में अभियान को सक्रिय बनाने के लिए 350 टीमें गठित 

मुरादाबाद,अमृत विचार। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर-घर टीबी रोग खोजी अभियान (एसीएफ) 20 फरवरी से शुरू होगा। अभियान को सक्रिय बनाने के लिए शुक्रवार को जिला क्षय रोग केंद्र में सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित किया गया। एक टीम एक दिन में 55 घरों में जाकर टीबी की स्क्रीनिंग करेंगी । संदिग्ध टीबी रोगियों के बलगम की जांच करायी जायेगी और आवश्यकतानुसार एक्स रे भी कराया जायेगा। टीबी रोग कंफर्म होने पर चौबीस घंटे में रोगी का उपचार शुरू करा दिया जायेगा। प्रत्येक टीबी रोगी को उपचार के दौरान पाँच सो रूपये सरकार द्वारा बैंक खाते में दिए जाएंगे। 
 

डिप्टी डीटीओ डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि एसीएफ के पहला चरण 20 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा। इसमें टीबी रोग के कर्मचारी  जेल , नारी निकेतन, किशोर गृह, वृद्ध आश्रम तथा मदरसों में टीबी के मरीजों की पहचान कर उनके बलगम के नमूने लिए जाएंगे। दूसरा चरण 24 फरवरी से 3 मार्च चलेगा। इसमें में 350 टीमें मलिन बस्तियों, ईंट भट्टा, निर्माण स्थलों सहित जनपद के टीबी हाई रिस्क क्षेत्रों के डेढ़ लाख परिवारों के घर-घर जाकर टीबी के संदिग्ध रोगियों की पहचान करेंगी । अभियान की निगरानी के लिये 70 सुपरवाइजर बनाये गए है। डीपीसी डॉ. मुहम्मद जावेद ने बताया कि घर घर टीबी रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए मास्टर ट्रेनर तथा सुपरवाइजर का प्रशिक्षण दिया गया। ताकि वह सीएचसी - पीएचसी में जाकर आशा आंगनबाड़ी वर्कर को प्रशिक्षण प्रदान कर सकें। 

प्रशिक्षक डॉ जगवीर सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि दो हफ्ते से अधिक की खांसी टीबी का लक्षण हो सकता है। इस लिये तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जा कर नि:शुल्क टीबी की जांच करायें, उन्होंने टीबी की अंय लक्षण बताये कि खांसी , बलगम आना, खून आना, भूख कम लगना, वजन घटना, रोते समय पसीना आना, सीने में दर्द होना टीबी के लक्षण है ।प्रशिक्षण में मनोज कुमार, अनुज शर्मा , गजेंद्र सिंह, निहाल खान, अंकुर शर्मा व नरेश कुमार राना राजू व निर्मल पाण्डये ने सहयोग प्रदान किया।

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