बुलडोजर नीति पर रोक लगाए सरकार : राकेश टिकैत
मड़ौली कांड के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे किसान नेता
अमृत विचार, कानपुर देहात। मड़ौली कांड में किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को मड़ौली गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए सरकार को बुलडोजर नीति पर रोक लगाने की नसीहत दी। किसान नेता ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन का भी ऐलान किया।

गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत मड़ौली गांव पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले घटनास्थल देखा और पीड़ित शिवम दीक्षित से झोपड़ी में लगी आग लगने के बावत पूरे घटनाक्रम के बावत जानकारी ली। उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए बुलडोजर नीति पर रोक लगाने की मांग की। कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की लड़ाई में हर संभव सहयोग व जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सरकार को पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा राशि देने की मांग की। साथ ही कहा कि आग लगने के बावजूद मौजूद पुलिस व प्रशासन के लोगों ने मां-बेटी को बचाने की कोशिश नहीं की, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए और कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। इस मौके पर किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष चै. रमेश सिंह यादव, जिलाध्यक्ष विपिन तिवारी, रवि प्रताप सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
अवैध कब्जा करने वाले प्रभावशालियों पर कार्रवाई की नसीहत
मड़ौली कांड को लेकर भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बुलडोजर का इस्तेमाल सड़क बनाने में होना चाहिए, न कि गरीब की झोपड़ी गिराने में। इसके बावजूद सरकार आंख बंद किए है। उन्होंने कहा कि अफसर बेलगाम हो गए हैं। प्रभावशालियों के यहां बुलडोजर नहीं चल रहा है। सरकार भेदभाव ढंग से कार्रवाई कर रही है। इसपर प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए।
भाकियू कार्यकर्ताओं ने जमकर की नारेबाजी
किसान नेता राकेश टिकैत का काफिला मड़ौली गांव में आते ही कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद राकेश टिकैत अपनी कार से उतरे और कार्यकर्ताओं को नारेबाजी करने से मना किया। उन्होंने कहा कि वह दुखद घटना में आए हैं। ऐसी घटनाओं में मौन रहने की जरूरत है।
छावनी में तब्दील रहा मड़ौली
गुरुवार को पीड़ित परिवार से किसान नेता राकेश टिकैत के मिलने आने की सूचना पर सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान जिलेभर के भाकियू कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। जिसे नियंत्रित करने में पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए। हालाकि कार्यकर्ता पूरी तरह से नियंत्रत दिखाई दिए।
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