VIDEO : यहां कीचड़ में नाचकर करते हैं बारातियों का स्वागत, बेहद अनोखी है ये परंपरा

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Published By Himanshu Bhakuni
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अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से मशहूर मैनपाट के पहाड़ों और तराइयों में बसी मांझी-मझवार जनजाति अपनी अनूठी परंपराओं को जानी जाती है। छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के समीप मैनपाट में मांझी समुदाय के लोगों में विवाह के समय बारातियों का स्वागत निराले अंदाज में करते हैं।  

यहां लड़की के घर जब लड़का बारात लेकर आता है तो लड़की पक्ष के लोग बारात आने पर कीचड़ में नाचकर बारातियों का स्वागत करते हैं। लड़की पक्ष के लोग तब तक नाचते हैं, जब तक वे थक न जाएं और अंत मे जो जीतता है। सबसे पहले उसे ही बारातियों का स्वागत करने दिया जाता है। 

जैसे ही बारात लड़की के द्वार पहुंचने वाली होती है, लड़की पक्ष के लोग कीचड़ में नाच शुरू कर देते हैं। बैंड बाजे बजाए जाते हैं। जानवरों की वेशभूषा भी धारण करते हैं। कोई बंदर बनता है तो कोई जानवरों की आवाज निकालता है। बैंड बाजे की धुन में मदमस्त होकर लोग नाचते हैं और बारातियों का स्वागत करते हैं। 

इसके स्वागत के पीछे समाज के लोगों का मनना है कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। उनके पूर्वज इस नियम का पालन करते थे अब वर्तमान पीढ़ी भी अपनी धरोहरों को सहेज रही है। अनोखे बारात स्वागत को देखने गांव के बाकी समाज के लोग भी वधु के घर पहुंचते हैं। 

यह अनूठी परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। मझवार लोगों का कहना है कि अलग-अलग गोत्र में बारातियों का स्वागत उनकी मान्यता प्राप्त पशु-पक्षियों के आधार पर ही किया जाता है, ताकि उनकी पहचान और गौरव से दूसरे परिवार अवगत हो सकें।

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