मानस की हर चौपाई देती सामाजिक समरसता का संदेश :किशोर कुणाल
सोहावल/ अयोध्या, अमृत विचार। जब राम चरित मानस की रचना हुई, आक्रांताओं का साम्राज्य था, महिलाओं पर अत्याचार होता था, इन्हें सम्मान देने के लिए मानस ने रास्ता दिखाया। मानस की हर चौपाई सामाजिक समरसता का संदेश देती है। इसका गलत अर्थ लगाकर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश हो रही है।
यह बातें सोहावल क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए आचार्य किशोर कुणाल ने बतौर मुख्य अतिथि कही। इस दौरान उन्हें मानस सम्मान से भी नवाजा गया। वहीं विशिष्ट अतिथि कामेश्वर चौपाल ने कहा कि रामचरित मानस में वह ताकत है, जो सामाजिक न्याय के साथ विषमता को समता में बदल दे। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि मानस हमारे हृदय का मंदिर है, जिस चौपाई के ताड़ना शब्द को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है उसका अर्थ हैंडिल विद केयर से है। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक अधिवक्ता अखिलेश दूबे, डॉ. ऋषिकेश सिंह, कुलदीप त्रिपाठी, डॉ. रवींद्र नाथ तिवारी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम शोभनाथ दूबे, अमित दूबे, जीतू दूबे, लारेंस दास सहित कई लोग मौजूद रहे।
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