बरेली: कड़ी सुरक्षा के बीच निकलेगी 'ऐतिहासिक राम बारात', जानें क्या है इसका महत्व?
फाइल फोटो
बरेली, अमृत विचार। इस समय सारा देश होली के रंग में रगा हुआ है। जगह-जगह पर होलिका दहन की तैयारियां चल रही हैं। होली के मौके पर बड़ी बमनपुरी नरसिंह मंदिर से निकलने वाली ऐतिहासिक राम बारात का भी सभी को बेसब्री से साल भर इंतजार रहता है। शहर में ये परम्परा 162 वर्षों से लगातार चली आ रही है। कल राम बारात का आयोजन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया जायेगा।
मलूकपुर से शुरू होने वाली राम बारात में हजारों की तादात में लोग शामिल होते है और शामिल हुरियारे लोगों पर रंगों की बौछार करते हुए चलते हैं। बरेली ही एक मात्र ऐसा शहर है जहाँ से होली के अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है और रामलीला में होली के एक दिन पहले राम बारात का आयोजन किया जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा को निकलने वाली ये ऐतिहासिक राम बारात ब्रिटिश काल से निकाली जा रही है। 162 सालों से ये परंपरा निभाई जा रही है। राम बारात में हजारों की संख्या में हुरियारे होते हैं जो बड़े बड़े ट्रॉलों पर सवार होकर पूरे शहर में राम यात्रा निकालते हैं और लोगों पर रंगों की बरसात करते हैं। हुरियारे आगे आगे और उसके पीछे भगवान की अनोखी झांकी होती है। श्रद्धालु जगह-जगह राम बारात का स्वागत करते हैं।
बरेली में मनाई जाती है बेहद खास होली
बरेली में होली का ये मौका बेहद खास होता है। यहां की होली सबसे अनोखी इसलिए भी कही जाती हैं क्योंकि यहां होली से पहले रामलीला की जाती है। जिसके बाद शहर भर में राम यात्रा निकाली जाती है। इस राम बारात को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं। इस बार हर साल की तरह धूमधाम से (163 वाँ वार्षिकोत्सव) मनाई जाएगी। राम बारात को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
बता दें, राम बारात की शुरुआत बड़ी बमनपुरी से शुरू हुई, जिसके बाद इसे शहर के विभिन्न इलाकों बिहारीपुर ढाल से राजकीय इंटर कालेज, नॉवल्टी चौराहा, रोडवेज, बरेली कॉलेज, कालीबाड़ी, श्यामगंज, सिकलापुर, मठ की चौकी, कुतुबखाना, बड़ा बाजार, साहूकारा, किला, सिटी स्टेशन से डलाव वाली मठिया होती हुई बमनपुरी के नरसिंह मंदिर पर समाप्त हुई। राम बारात का दूसरा मोर्चा चाहबाई से निकला और वो कुतुबखाना से मुख्य बारात में शामिल हुआ।
विश्व विख्यात है यहां की रामलीला होली
बरेली की रामलीला 'होली वाली रामलीला' के रूप में विश्व विख्यात है, इसीलिए इसे वर्ल्ड हेरिटेज में भी शामिल किया गया है। 2008 में यूनेस्को ने इस रामलीला को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया था। 2015 में बरेली की 'होली वाली रामलीला' को विश्व धरोहर घोषित किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से हर साल 'होली वाली रामलीला' के लिए एक लाख रुपये की सहायता भी दी जाती है।
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