International Women's Day: महिलाएं दूसरों के साथ खुद की भी सेहत का रखे ध्यान
सीएसआईआर-सीमैप में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम
कार्यालय संवाददाता, लखनऊ, अमृत विचार। ज्यादातर महिलाएं घर-बाहर की जिम्मेदारियों के बीच खुद की अनदेखी करने लगती हैं जो उनके स्वास्थ्य पर काफी असर डालता है। महिला चाहे गृहणी हो या कामकाजी बहुत जरूरी है कि वह अपने बारे में, अपनी सेहत के बारे में और अपनी खुशी के बारे में भी सोचे और उसे लेकर प्रयास करें, यदि वह स्वस्थ और खुश होगी तभी अन्य जिम्मेदारियों को भी अच्छी तरह से निभा पाएंगी। यह कहना है केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अमिता पांडेय का।
वह सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) द्वारा सोमवार को संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कराए गए जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ के मुद्दों, जैसे मासिक धर्म, बांझपन, पेल्विक संक्रमण, मानसिक स्वास्थ एवं महिलाओं में होने वाले कैंसर पर चर्चा की।

उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को अपने स्वास्थ पर अधिक ध्यान देने कि ज़रुरत है, उसके लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए जैसे खुद से प्यार करना, पुस्तकें पढ़ना, जीवन में एक परामर्शदाता होना, एवं समसामयिक होना। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद डॉ. ऋतु त्रिवेदी ने कहा कि महिलाओं को स्वयं को साबित करने और स्थापित करने में कई प्रकार कि रुकावटों का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान में उन्होंने बताया कि महिलाओ को स्वयं की महत्वता पता होनी चाहिए।
उन्हें विकल्प चुनने और रखने का अधिकार, अवसरों और संसाधनों तक पहुंच का अधिकार, घर के भीतर और बाहर दोनों जगह अपने स्वयं के जीवन को नियंत्रित करने की शक्ति रखने का अधिकार, तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक न्यायसंगत सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था बनाने के लिए सामाजिक परिवर्तन की दिशा को प्रभावित करने की क्षमता आदि होनी चाहिए। इस मौके पर सीमैप के निदेशक डॉ.प्रबोध कुमार त्रिवेदी वप्रधान वैज्ञानिक डॉ. पूजा खरे प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
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