बरेली: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, उपभोक्ता बेहाल, गहराया विद्युत संकट

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से शहर से लेकर देहात तक में बिजली संकट गहरा गया। कई जगह फाल्ट होने के बाद कर्मचारी ठीक करने के लिए नहीं पहुंचे, जिसके चलते कई जगह पूरे दिन बिजली कटौती रही। वहीं गुरुवार की देर शाम को बिजली अधिकारियों ने अपने सीयूजी नंबर भी बंद कर लिए, जिससे उपभोक्ताओं की मुसीबतें और बढ़ गईं। दिन में अधिकारी हड़ताल पर रहे तो उपभोक्ता अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए भटकते रहे।

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ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों ने गुरुवार को दिन में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मुख्य अभियंता राजीव कुमार शर्मा के कार्यालय में धरने पर बैठकर कार्य बहिष्कार किया। इसके बाद रात 10 बजे से हड़ताल शुरू कर दी है।

इससे उपभोक्ता परेशान हुए। विद्युत उपकेंद्रों पर बिल सुधार, मीटर लगाना, फॉल्ट ठीक करने समेत अन्य काम ठप हो गए। हड़ताल में अधिशासी अभियंता, एसडीओ, जेई से लेकर संविदा कर्मचारी भी शामिल हैं, जिससे बकाया बिल वसूली से लेकर, बिजली चोरी रोकने को लेकर चलाए जा रहे अभियान के साथ नए बिजली कनेक्शन के आवेदन भी लंबित हो गए हैं।

7 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की बढ़ सकती है मुसीबत
जिले में 7 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र में करीब 2 लाख और देहात क्षेत्र में 5.25 लाख उपभोक्ता हैं। हड़ताल का असर इन उपभोक्ताओं पर पड़ा है। तीन दिनों से लगातार हो रही बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली का संकट और भी अधिक गहरा सकता है।

पहले दिन इन इलाकों में हुई दिक्कत
गुरुवार की सुबह से ही कुतुबखाना इलाके में बिजली का संकट गहरा गया। पूछने पर बताया गया कि कुतुबखाना पुल निर्माण को लेकर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक का शटडाउन लिया गया है, लेकिन 2 बजे के बाद भी बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। इसके अलावा हरुनगला उपकेन्द्र में फ्लैश ओवर होने से करीब 10 हजार से अधिक घरों में बिजली का संकट गहरा गया।

वहीं दोपहर में तेज हवा चलने से नदोसी बिजली उपकेन्द्र पर भी सप्लाई बाधित हो गई। रात 8 बजे तक पांच हजार से अधिक उपभोक्ता परेशान रहे। इंदिरा नगर में दोपहर से बिजली नहीं आई है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। यहां के कवल जीत सिंह ने बताया कि विद्युत नहीं आने से गर्मी में हर तरह से परेशान हैं। पानी का संकट भी गहरा गया है।

विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ ने हड़ताल से बनाई दूरी
विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ ने संघर्ष समिति के आंदोलन में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। जबकि संघ का कहना है कि संघर्ष समिति की न्याय संगत मांगो को देखते हुए आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान करता है। जिला अध्यक्ष अमित चौधरी ने बताया कि उपभोक्ताओं के लिए विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के सभी कर्मचारी अकेले रहते हुए भी उपकेंद्र परिचालन एवं कैश काउंटर खोलकर कार्य कर रहे हैं।

उत्पीड़न करने पर जेल भरो आंदोलन की चेतावनी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं व निविदा, संविदा कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया है। मुख्य अभियंता के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे बिजलीकर्मियों ने प्रशासन को चेताते हुए कहा धरने पर बैठे कर्मियों का उत्पीड़न किया गया तो देशभर में 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक बनकर नहीं रहेंगे। किसी भी तरह के कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

जिला प्रशासन के साथ बिजली व्यवस्था सुचारू रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहले दिन कहीं भी बिजली का संकट नहीं रहा---राजीव कुमार शर्मा, मुख्य अभियंता।

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