सार्वजनिक शेयरधारिता बढ़ाने के लिए एफपीओ नहीं लाएगी पतंजलि फूड्स, अन्य विकल्पों पर विचार 

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Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह सार्वजनिक शेयरधारिता को बढ़ाने के लिए अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) नहीं लाएगी। कंपनी ने कहा है कि इसके बजाय वह बिक्री पेशकश (ओएफएस) और पात्र संस्थागत नियोजन जैसे विकल्पों पर विचार करेगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पतंजलि समूह की कंपनी पंतजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयर जब्त किए हैं। 

पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में कहा, ‘‘कंपनी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए एक और सार्वजनिक निर्गम पर विचार नहीं कर रही है।’’ रामदेव ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से एक बातचीत में अपने निवेशकों और सार्वजनिक शेयरधारकों को आश्वासन दिया था कि पतंजलि फूड्स के परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसकी विकास गति बरकरार रहेगी। 

उन्होंने कहा था, 'निवेशकों के लिए चिंता करने की कोई बात नहीं है।' रामदेव ने अनुसार, सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रवर्तकों के शेयरों पर पहले से ही सूचीबद्ध होने की तारीख से एक वर्ष यानी आठ अप्रैल, 2023 तक लेन-देन पर रोक है। ऐसे में शेयर बाजारों के इस कदम का पीएफएल के कामकाज पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि समूह पीएफएल का परिचालन बेहतर तरीके से कर रहा है और कारोबार विस्तार, वितरण, लाभ तथा प्रदर्शन समेत सभी चीजों पर ध्यान दे रहा है। 

एफपीओ के बारे में रामदेव ने कहा, ‘‘हम करीब छह प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर निर्गम ला रहे हैं। इसको लेकर कोई सवाल नहीं है। देरी का कारण बाजार स्थिति का अनुकूल नहीं होना है।’’ समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम एफपीओ के लिये प्रक्रिया अप्रैल में शुरू करेंगे।’’

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