बरेली: ट्रॉमा सेंटर बना रहे हैं या ताजमहल, चार साल में मात्र 40 फीसदी हुआ निर्माण

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Published By Om Parkash chaubey
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न अफसरों को परवाह न जनप्रतिनिधियों को, किसी को नहीं पता कब पूरा होगा निर्माण

बरेली, अमृत विचार : ताजमहल 22 साल में बन गया था लेकिन जिला अस्पताल में ट्रॉमा विंग बनाने की रफ्तार उससे भी कम है। पहले तो ट्रॉमा विंग बनाने का प्रस्ताव मंजूर होने में तीन साल लग गए और इसके बाद निर्माण शुरू हुआ तो चार साल में बमुश्किल 40 फीसदी इमारत बन पाई है। निर्माण की रफ्तार इस कदर धीमी है कि कोई अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उसका निर्माण कब तक पूरा हो पाएगा।

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बरेली में दुर्घटनाओं और उनमें घायल होने की वालों की दर देखते हुए ट्रॉमा विंग की जरूरत महसूस की गई थी। काफी समय तक यह मांग जनप्रतिनिधियों के स्तर पर वादों और दावों में भटकती रही और फिर 2019 में इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए।

2016 में फरीदपुर में ट्रॉमा विंग का निर्माण करने का प्रस्ताव तैयार किया गया लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद जिला अस्पताल में विंग बनाने का प्रस्ताव भेजा गया। पहले तो इसे भी सहमति नहीं मिली लेकिन 2018 में दोबारा यह प्रस्ताव भेजा गया। काफी समय फाइल लखनऊ में अटकी रहने के बाद 2019 में शासन ने इसे मंजूरी देकर बजट भी आवंटित कर दिया।

पिछले करीब चार साल से जिला अस्पताल में बर्न वार्ड की तरफ खाली जमीन पर ट्रॉमा विंग का निर्माण किया जा रहा है लेकिन अब तक सिर्फ 40 फीसदी ही काम पूरा हो पाया है। अफसरों को भी परवाह नहीं है कि ट्रॉमा सेंटर का निर्माण जल्द पूरा हो जाए। रटारटाया जवाब हमेशा उनकी जबान पर रहता है कि जल्द ही निर्माण पूरा हो जाएगा। जनप्रतिनिधि और भी ज्यादा बेखबर बने हुए हैं।

ये सुविधाएं होंगी ट्रॉमा विंग में: ट्रॉमा विंग में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के साथ आर्थो और सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। एक ऑपरेशन थिएटर, एक्सरे रूम और पैथोलॉजी लैब बनाई जाएगी। छह बेड का आईसीयू होगा। साथ ही दो नर्सिंग स्टेशन और एक रिकार्ड रूम भी बनाया जाएगा।

ट्रामा विंग का निरीक्षण करके कार्यदायी संस्था को जल्द निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है। अभी काफी काम शेष है, लेकिन जब भी ट्रॉमा विंग शुरू होगा, मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी।- डॉ. अलका शर्मा, एडीएसआईसी जिला अस्पताल

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