Tuberculosis in Hindi :ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) क्या है – कारण, लक्षण और बचाव

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ट्यूबरकुलोसिस रोग क्या होता है (Tuberculosis Meaning in Hindi)

ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) को आम बोलचाल की भाषा में टीबी कहते हैं। ट्यूबरकुलोसिस एक जीवाणु संक्रमण है जो आमतौर पर फेफड़ों में होता है। यह बीमारी वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से फैलती नहीं है, बल्कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नामक जीवाणु से होती है। यह बीमारी ज्यादातर लोगों में फेफड़ों के अलावा अन्य शरीर के हिस्सों में भी हो सकती है। ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण जैसे खांसी, बुखार, रात में पसीना, सीने में दर्द और वजन कम होना हो सकते हैं। इन लक्षणों को अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि टाइम पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है और दूसरों को भी संक्रमित कर सकती है। ट्यूबरकुलोसिस का उपचार अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करके किया जाता है। इस रोग का इलाज लंबी अवधि तक चलता है और सभी दवाओं का नियमित रूप से उपयोग करना आवश्यक होता है।

ट्यूबरक्लोसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis in Hindi)

पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस: यह सबसे सामान्य ट्यूबरकुलोसिस का प्रकार है जो फेफड़ों में होता है। इसमें खांसी, थकान, बुखार और सीने में दर्द जैसे लक्षण होते हैं।

एक्सट्रापुल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस: यह ट्यूबरकुलोसिस का एक विकल्प है जो फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में भी हो सकता है। इसमें लक्षण विभिन्न होते हैं जैसे कि कमजोरी, वजन कम होना, निंद न आना और पेट में दर्द।

मिलिएरी ट्यूबरकुलोसिस: यह ट्यूबरकुलोसिस का एक विकल्प है जो फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में बढ़ता है। इसमें छोटे-छोटे दाने अंतर्गत होते हैं, जो दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।

बोन ट्यूबरकुलोसिस: यह ट्यूबरकुलोसिस का एक विकल्प है जो हड्डियों में होता है। इसमें दर्द और स्थायी अंग तंगता होता है।

ट्यूबरकुलोसिस के कारण (Tuberculosis Causes in Hindi)

ट्यूबरकुलोसिस से पीड़ित मरीज जब छींकता, खांसता और थूकता है तो उसके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में टीबी के बैक्टीरिया फैल जाते हैं। यह बैक्टीरिया कई घंटों तक वायु में जीवित रहते हैं और स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकते हैं।

ट्यूबरकुलोसिस के अन्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता: जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है तो ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।

बीमारियों या दवाओं के कारण कमजोर शरीर: जब शरीर कमजोर होता है, तब ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। बीमारियों जैसे कि एचआईवी / एड्स, डायबिटीज, व्यस्त जीवनशैली, एटीबी और कैंसर इत्यादि ट्यूबरकुलोसिस संक्रमण का खतरा बढ़ाती हैं।

ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण (Tuberculosis Symptoms in Hindi)

ट्यूबरक्लोसिस होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों (TB Symptoms in Hindi) का अनुभव कर सकते हैं। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

इस रोग के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. खांसी: यह ट्यूबरकुलोसिस का सबसे सामान्य लक्षण है। अधिकतर मरीजों में यह सूखी खांसी के रूप में दिखाई देती है, जिसमें खांसने से थोड़ी खराश और सीने में दर्द होता है।
  2. बुखार: ट्यूबरकुलोसिस के मरीजों में बुखार का उभय अनुभव होता है। यह बुखार बार-बार आता है और सामान्य बुखार से थोड़ा अलग होता है।
  3. रात में पसीना: ट्यूबरकुलोसिस के मरीजों को रात में पसीने का बहुत अधिक अनुभव होता है।
  4. सीने में दर्द: ट्यूबरकुलोसिस के मरीजों को सीने में दर्द होता है। यह दर्द गंभीर नहीं होता है, लेकिन यह समय-समय पर बढ़ता रहता है।
  5. वजन कम होना: ट्यूबरकुलोसिस के मरीजों में वजन कम होना भी एक आम लक्षण है।

कुछ मामलों में ट्यूबरकुलोसिस फेफड़ों के बाहर भी विकसित हो सकता है। इसमें छोटी ग्रंथियां, हड्डियां व जोडें, पाचन तंत्र, मूत्राशय व प्रजनन प्रणाली और मस्तिष्क व नसें (तंत्रिका तंत्र) शामिल हैं।

इनके लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • लकवा लगना
  • पेट में दर्द होना
  • ग्रंथियों में स्थिर सूजन होना
  • डायरिया की शिकायत होना
  • पीठ में अकड़न होना
  • प्रभावित हड्डी में दर्द और उसकी कार्यशीलता में कमी आना
  • भ्रम होना
  • सिर में स्थिर दर्द होना
  • कोमा की स्थिति होना
  • दौरा पड़ना

ट्यूबरकुलोसिस का यह प्रकार आमतौर पर उन लोगों को होता है जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

(Source: CKB Hospital)

ट्यूबरकुलोसिस से कैसे बचें (Prevention from Tuberculosis in Hindi)

ट्यूबरकुलोसिस से बचाव करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाएं:

  1. अच्छे स्वास्थ्य व्यवहार को अपनाएं: स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें, सही खानपान का पालन करें और नियमित रूप से समय पर दवाएं लें।
  2. अपने आसपास के लोगों की संख्या कम करें: टीबी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अपने आसपास के लोगों की संख्या कम करें। खासकर जब वे खांसते या छींकते हैं।
  3. हाथ धोएं: नियमित रूप से हाथ धोना एक अच्छा संभव तरीका है टीबी संक्रमण से बचने के लिए। अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  4. टीबी टीकाकरण लें: टीबी से बचाव के लिए, टीबी वैक्सीन का उपयोग करें। इस टीके को विकसित किया गया है ताकि टीबी संक्रमण से बचा जा सके।
  5. बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें: जब आपको लगता है कि आपको टीबी के लक्षण हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।

बच्चों में ट्यूबरकुलोसिस का संक्रमण:

बच्चों में ट्यूबरकुलोसिस संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। यह संक्रमण एयरनबॉर्न होता है, जिसका मतलब है कि यह बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींक से हवा के माध्यम से फैलता है।

बच्चों में ट्यूबरकुलोसिस संक्रमण के कुछ आम कारण निम्नलिखित हैं:

  • बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके कारण उन्हें संक्रमण से लड़ने में कठिनाई होती है।
  • अन्य संक्रमणों की वजह से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता दुर्बल होती है।
  • संक्रमण से पूर्व टीकाकरण न होना।
  • बच्चों की निरंतर संपर्क में रहने की वजह से, जैसे कि बच्चे एक साथ स्कूल जाते हैं।

बच्चों में ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण विशेष रूप से संक्रमण के प्रकार और टीबी के स्थान पर निर्भर करते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह अनुसार, बच्चों को नियमित रूप से टीबी जाँच करवाना चाहिए।