लखनऊ: एलडीए के दो निलंबित बाबू बर्खास्त, जांच में दोषी मिलने पर उपाध्यक्ष ने की कार्रवाई

दोनों पर अलग-अलग थानों में दर्ज हैं एफआइआर 

लखनऊ: एलडीए के दो निलंबित बाबू बर्खास्त, जांच में दोषी मिलने पर उपाध्यक्ष ने की कार्रवाई

कार्यालय संवाददाता, लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ विकास प्राधिकरण के दो बाबू बर्खास्त कर दिए गए हैं। जिन पर कब्जेदारों को बढ़ावा देना और फर्जी आईडी का प्रयोग कर भूखंडों की बिक्री समेत लगे कई आरोप जांच में सही पाए गए हैं। दोनों बाबू पूर्व में निलंबित किए गए थे। जिनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हैं।

अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि कनिष्ठ लिपिक अजय वर्मा ने गोमती नगर के वास्तु खंड स्थित एक भवन के निरस्तीकरण की सूचना व पत्रावली चार्ज में नहीं दी, बल्कि कब्जेदारों को बढ़ावा देकर प्राधिकरण को आर्थिक नुकसान पहुंचाया था। इस पर अजय को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद भी वास्तु खंड में भूखंडों व भवनों की बिक्री में कुछ व्यक्तियों का नाम बिना अनुमति के कम्प्यूटर पर मृतकों की आईडी का प्रयोग करके दर्ज किया। इस फर्जीवाड़े पर अजय के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। जांच के दौरान अजय तैनाती स्थल पर नहीं मिले और मोबाइल बंद कर लिया। जिन्हें शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया गया है। 

इसके अतिरिक्त विधि अनुभाग के कनिष्ठ लिपिक मुसाफिर सिंह पर भूखंड का समायोजन कराकर रजिस्ट्री कराने के नाम पर बैजनाथ नाम के व्यक्ति से 55 लाख रुपये व उसके साथी राकेश चंद्र से 45 लाख रुपये लिए थे। लेकिन, समायोजन नहीं कराया और रुपये वापस करने से मना कर दिया। इससे परेशान होकर बैजनाथ ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना की मुसाफिर के खिलाफ जीआरपी ने एफआइआर दर्ज की थी और जेल भेजा था। उस समय मुसाफिर सिंह को निलंबित किया गया था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर मुसाफिर को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

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