लखीमपुर-खीरी: खुलासा...जमीन के लालच में भाई ने पत्नी और दो बेटों के साथ मिलकर की थी श्रीप्रकाश की हत्या

लखीमपुर-खीरी: खुलासा...जमीन के लालच में भाई ने पत्नी और दो बेटों के साथ मिलकर की थी श्रीप्रकाश की हत्या

श्रीप्रकाश हत्याकांड हुआ खुलासा,

लखीमपुर-खीरी. अमृत विचार। थाना निघासन क्षेत्र के गांव चिड़ीमारन पुरवा में 20 दिन पहले हुए श्रीप्रकाश हत्याकांड का शनिवार को पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। ढाई बीघा जमीन की खातिर बड़े भाई ने अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ मिलकर छोटे भाई श्रीप्रकाश की हत्या की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

थाना निघासन के गांव चिड़ीमारन पुरवा निवासी श्रीप्रकाश की छह मार्च 2023 को चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव गांव से कुछ दूरी पर स्थित गेहूं के खेत में लगे गूलर के पेड़ से लटका मिला था। पुलिस ने मृतक के बड़े भाई बंशी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी।

एसपी गणेश प्रसाद साहा ने घटना के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच की स्वॉट टीम के साथ ही चार टीमें गठित की गई थीं। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान मृतक के बिस्तर और चारपाई पर लगी मच्छरदानी पर खून की कुछ छींटे पाईं थीं। इससे पुलिस का शक परिवार वालों के आसपास ही घूम रहा था।

प्रभारी निरीक्षक प्रभातेश श्रीवास्तव ने ने जब जांच तेज की तो पता चला कि श्रीप्रकाश और दो अन्य भाइयों ने मजदूरी कर रुपये एकत्र किए थे, जिससे ढाई बीघा जमीन खरीदी थी। इस जमीन को श्रीप्रकाश ने अपने नाम दर्ज करा ली थी। इसको लेकर उसका बड़ा भाई बंसी से विवाद हुआ था।

शक के आधार पर जब पुलिस ने बंसी भार्गव, उसकी पत्नी आरती, पुत्र विक्रम और रिंकू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो तीनों आरोपी टूट गए। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि श्रीप्रकाश और उसके अन्य दो भाईयों ने मिलकर ढाई बीघा जमीन खरीदी थी, जिसे उसने अपने नाम दर्ज करा लिया था।

इस बात को लेकर श्रीप्रकाश का बड़ा भाई बंशी भार्गव कुण्ठित था और रजिस्ट्री की जमीन में अपना हिस्सा न पाकर पूरी जमीन स्वयं व अपने परिवार को दिलाने की नीयत से हत्या की योजना बनाई, जिसमें उसने अपनी पत्नी आरती और दोनों दोनों पुत्रों विक्रम, रिंकू और पत्नी आरती देवी के साथ मिलकर सोते समय भाई श्रीप्रकाश को उसके बिस्तर पर ही दबोच लिया और मुंह दबाकर गले को काटा।

मृतक के कपड़े बदलकर हत्या का रूप देने व किसी अन्य को फंसाने की नियत से गांव के पास ही गूलर के पेड़ पर शव को रस्सी से लटका दिया था। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक चाकू घटना स्थल से बरामद किया था। पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

एसपी ने पुलिस टीम को बीस हजार रुपये का दिया पुरस्कार
एसपी गणेश प्रसाद साहा ने श्रीप्रकाश हत्याकांड का खुलासा करने पर पुलिस टीम को 20 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया है। टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रभातेश श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी, एसएसआई राममिलन यादव, एसआई राम गौरव, सिपाही मयंक कुमार, ओमकार, स्वाट टीम प्रभारी एसआई शिव कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल शराफत अली, सिपाही योगेश तोमर, सिकंदर, देवेंद्र यादव और ओम मिश्रा शामिल थे।

हत्यारोपी की हुई हैं दो शादियां
गांव चिड़ीमारनपुरवा निवासी बंशी भार्गव पांच भाइयों में सबसे बड़ा है, जबकि श्रीप्रकाश सबसे छोटा था। बंशी भार्गव की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। जिससे उसके दो बेटे हैं। पत्नी की मौत के बाद बंसी ने दूसरी शादी कर ली थी, जिससे दो बेटे विक्रम और रिंकू हैं। अन्य उसके तीन भाइयों मेला, श्रीराम, राजेश की शादी नहीं हुई थी। श्रीप्रकाश की शादी तय हो गई थी और उसकी 11 मार्च को बारात जानी थी। इससे चार दिन पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।