मुरादाबाद : विस चुनाव में हार के बाद से जिलाध्यक्ष नहीं

व्यवस्था: प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर अखिलेश ने भंग कर दी थी सभी कार्यकारिणी, नये जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के बिना चल रहीं पार्टी की गतिविधियां

मुरादाबाद : विस चुनाव में हार के बाद से जिलाध्यक्ष नहीं

मुरादाबाद, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी जिले में बिना कप्तान के चल रही है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भले ही जिले में छह में से पांच सीटों पर सपा की साइकिल के आगे भाजपा का कमल पस्त रहा। लेकिन, प्रदेश में करारी शिकस्त के बाद प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। तब से सपा की साइकिल बिना मनोनीत पदाधिकारियों के ही चल रही है। अब निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही पदाधिकारियों का मनोनयन हो जाएगा। 

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में सरकार बनाने का दावा खारिज होने से नाराज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर प्रदेश और जिले में मुख्य संगठन के अलावा आनुषांगिक संगठनों की कार्यकारिणी भी भंग कर दी थी। इससे असहज स्थिति जिले में पदाधिकारियों को लेकर रही। कई महीने तक पार्टी सुप्तावस्था में रही। बाद में तात्कालिक पदाधिकारियों की सक्रियता से संगठन में गतिविधियां चलती रहीं।

 निकाय चुनाव को लेकर दिसंबर में हलचल के दौरान भावी प्रत्याशियों से आवेदन भी निवर्तमान अध्यक्ष व प्रभारी बनाए गए दूसरे जिले के विधायकों के पास आए। साक्षात्कार भी हुए, लेकिन पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर फंसे पेच से चुनाव टल गया। वहीं, अभी तक सपा का शीर्ष नेतृत्व जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष आदि की नियुक्ति नहीं कर पाया। जिले में जिलाध्यक्ष पद को लेकर निवर्तमान अध्यक्ष डीपी यादव व उनके ही एक रिश्तेदार पूर्व जिलाध्यक्ष और कुछ अन्य में टक्कर मानी जा रही है। लेकिन, कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। 

निवर्तमान जिलाध्यक्ष डीपी यादव का कहना है कि पद देना शीर्ष नेतृत्व का कार्य है। वह पार्टी के सच्चे और अनुशासित सिपाही हैं जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे। निकाय चुनाव से पहले जिले की कार्यकारिणी घोषित होने के सवाल पर कहा कि उम्मीद तो है।

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