विश्व बायपोलर डे पर विशेष: लगातार बढ़ रहे मानसिक अवसाद और मेनिया के मरीज

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
On

जिला अस्पताल स्थित मन कक्ष में रोजाना आ रहे 10 से 12 मरीज मानसिक अवसाद और मेनिया के

बरेली, अमृत विचार। बायपोलर डिसऑर्डर किसी भी व्यक्ति के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है, इसकी वजह से लोग बायपोलर डिसआर्डर से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल के मन कक्ष में रोजाना 10 से 12 मरीज इससे ग्रसित आते हैं, जिनका काउंसिलिंग और दवा के माध्यम से इलाज किया जाता है। बायपोलर जैसी स्थिति के प्रति अवेयर करने के लिए हर वर्ष 30 मार्च को विश्व बायपोलर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम वे अकेले नहीं हैं निर्धारित की गई है।

मौसम में बदलाव बढ़ाता है मरीजों की संख्या
बायपोलर के मरीजों की संख्या मौसम में बदलाव यानी मार्च और अक्टूबर में अधिक हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि शहर से डिप्रेशन और गांव से मेनिया के अधिक मामले सामने आते हैं। इसके पीछे जागरूकता का अभाव एक बड़ी वजह हो सकती है।

परिवार की होती है काउंसिलिंग
बायपोलर में मरीज के साथ ही परिवार की भी काउंसलिंग की जाती है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि मरीज से उन्हें किस प्रकार से व्यवहार करना है। वहीं मरीज को दोनों स्थितियों मेनिया और अवसाद में अलग-अलग प्रकार की दवा का सेवन करना होता है। चिकित्सक की सही सलाह और उचित इलाज से इसे मात दी जा सकती है।

लगातार बदलते हैं ख्याल
बायपोलर की समस्या से ग्रसित मरीज के दिमाग में आने वाले ख्यालों में लगातार बदलाव होता है। इसकी दो श्रेणी होती हैं। पहला बायपोलर मेनिया और दूसरा डिप्रेसिव। मेनिया में व्यक्ति ज्यादा एक्टिव हो जाता है। ज्यादा सोता नहीं है। कम नींद में भी तरोताजा रहता है। बेचैनी बनी रहती है। वहीं डिप्रेशन में व्यक्ति अत्यंत दुखी हो जाता है। किसी काम को करने में दिलचस्पी नहीं लेता है, रोजमर्रा के कार्य करने से भी मन कतराता है।

गुरुवार को विश्व बायपोलर दिवस मनाया जाएगा। इनके मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मरीजों में मेनिया और अवसाद के लक्षण मिल रहे हैं। हालांकि उन्हें उचित इलाज दिया जा रहा है- डॉ. आशीष, प्रभारी मन कक्ष, जिला अस्पताल।

ये भी पढ़ें- बरेली: बीडीए ने ध्वस्त कीं 22 बीघा में बन रहीं दो अवैध कॉलोनी

संबंधित समाचार