बरेली: टेंडर निकाला न अफसरों से ली स्वीकृत...8.75 लाख डकार गए प्रधान-सचिव

मझगवां के ग्राम किदौना का मामला, धांधली करने को पंचायत घर के बजाय प्रधान के घर को बनाया ठिकाना

बरेली: टेंडर निकाला न अफसरों से ली स्वीकृत...8.75 लाख डकार गए प्रधान-सचिव

बरेली, अमृत विचार। गांवों में घपले-घोटाले थमते नहीं दिख रहे हैं। अब मझगवां की ग्राम पंचायत किदौना में गोलमाल का मामला सामने आया है। पंचायत भवन के बजाय प्रधान के घर पर रखे कंप्यूटर से सचिव ने करीब 8.75 लाख रुपये का बजट ठिकाने लगा दिया, लेकिन सरकारी हैंडपंप ठीक कराने समेत कई काम नहीं कराए। इतना ही नहीं टेंडरों में अफसरों से वित्तीय प्रशासनिक स्वीकृति भी नहीं ली। मामले में डीपीआरओ ने सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

पिछले सप्ताह ग्रामीणों ने अफसरों से शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत किदौना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। आरोप था कि पंचायत भवन के बजाय प्रधान के घर में रखे कंप्यूटर से सचिव मनमानी तरीके से भुगतान कर रहा है। 24 मार्च को डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार टीम के साथ गांव पहुंचे और हैंडपंप रिबोर, खड़ंजा आदि से जुड़े कामों के अभिलेख मांगे, लेकिन सचिव नहीं दिखा सका।

जांच में पता चला कि हैंडपंप रिबोर पर करीब 46 हजार रुपये खर्च दिखाया गया। इसी तरह इंटर लाकिंग कार्य पर लाखों रुपये की धनराशि खर्च करना दिखा दी गई। मनरेगा से जुड़े अधिकांश कार्यों के बिलों में भी हेराफेरी मिली। केयर टेकर समेत कई लोगों का भुगतान नहीं करने के अलावा सड़क आदि से जुड़े कार्यों पर 8.80 लाख रुपये की धनराशि का भुगताना बिना वित्तीय, तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति के खातों में भेज दिया गया। यह भुगतान प्रधान के घर से करने की पुष्टि हुई है। डीपीआरओ ने बताया कि मामले में सचिव और प्रधान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

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