Bareilly : विश्व का नेतृत्व करने व दिशा देने को तैयार हो रहा हिंदू समाज-डॉ. कृष्ण गोपाल
बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म अनंत विविधता को एक साथ लेकर चलने का सामर्थ्य रखता है। हिंदू धर्म किसी एक मत, मजहब या पंथ का नाम नहीं है, बल्कि अनेक मत और मजहबों को यह खुद में समाहित किए हुए है। आज विश्व अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है, इनका समाधान दुनिया के तमाम विद्वान भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की परंपराओं में तलाश रहे हैं। दुनिया हमारी ओर आशा भरी दृष्टि से देख रही है, हमें उनके मार्गदर्शन के लिए स्वयं को तैयार करना होगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रविवार को आईएमए के सभागार में आयोजित प्रमुख जन गोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हिंदू धर्म अपने से विपरीत मत को भी सहजता से स्थान देने को तत्पर रहता है। हिंदू धर्म की सहिष्णुता, उदारता और सामंजस्य इसकी सबसे बड़ी ताकत है। विश्व की कई समस्याओं का समाधान भी इसी में छिपा है। एक हजार साल से अधिक समय की परतंत्रता के कारण विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति वाला हिंदू समाज गरीबी, अशिक्षा, नशा, बेरोजगारी और छुआछूत जैसी कुरीतियों में फंस गया, लेकिन अब एक बार फिर हिंदू चेतना जागृत हो रही है। फिर हिंदू समाज विश्व का नेतृत्व करने और उसे दिशा देने के लिए तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ज्ञान, तप और ध्यान की संस्कृति है। यह देश हमारा है यहां के नियम कानून का पालन करना हमारा दायित्व है। नागरिकों को अपनी पुरातन संस्कृति के गौरव की अनुभूति करनी होगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला।
संयुक्त परिवार सबसे बड़ी ताकत, कुटुंब व्यवस्था फिर करनी होगी सुदृढ़
मुख्य वक्ता डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि पर्यावरण का तेजी से ह्रास रहा है, परिवार टूट रहे हैं, एकाकीपन के कारण लोग अवसाद में आकर आत्महत्या कर रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए पूरी दुनिया हिंदू धर्म और संस्कृति की ओर आशा भरी नजर से देख रही है। दुनिया भर के लोग अब हिंदू विवाह पद्धति, हिंदू खानपान, हिंदू संस्कार, हिंदू कुटुंब व्यवस्था की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे समय में समाज के प्रति हमारा दायित्व अधिक बढ़ जाता है। हमें अपने परिवारों को सुसंस्कृत हिंदू परिवारों के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में पर्यावरण के प्रति सदैव से लगाव और सम्मान का भाव रहा है। पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की उपासना इसकी पहचान है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में हम एकल परिवार की दिशा में बढ़ गए, लेकिन संयुक्त परिवार हमारी सबसे बड़ी ताकत रहा है, हमें अपनी कुटुंब व्यवस्था को एक बार फिर सुदृढ़ करना होगा।
कई डॉक्टरों ने रखे प्रश्न
सभागार में अनेक प्रमुख जनों ने अपने प्रश्न रखे, जिनका सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने समाधान किया। प्रश्न पूछने वालों में डॉ. विमल भारद्वाज, डॉ मयंक, डॉ विजय यादव, डॉ. अनिमेष मोहन, डॉ. सतेंद्र सिंह, विनय ऋषिवाल, डॉ अतुल श्रीवास्तव प्रमुख थे। प्रांत संघचालक शशांक भाटिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डा. केशव कुमार अग्रवाल, डॉ शरण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
