समाज में सकारात्मक संदेश दे रहा थारिएंस क्लब  

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Published By Anjali Singh
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बरेली में इन दिनों थार की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। सड़क पर जब लाल, काले या पहाड़ी रंगों में निखरी थार गुजरती है, तब लोगों की नजरें उसी पर थम जाती हैं। शहर में लग्जरी कारों की बढ़ी बिक्री के बीच युवाओं में सबसे ज्यादा दीवानगी थार की ही देखी जा रही है। थार प्रेमियों ने शहर में एक अनोखा क्लब ‘थारिएंस क्लब बरेली’ बनाया है। यह क्लब न केवल थार मालिकों को एक मंच देता है, बल्कि शहर में सामाजिक सरोकारों के लिए अपनी पहचान भी बना रहा है। क्लब में फिलहाल 30 सक्रिय थार संचालक सदस्य जुड़े हुए हैं। इनमें (डाक्टर, सीएम और उद्यमी) शामिल हैं।--- प्रस्तुति, महिपाल गंगवार

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थार के शौक को सिर्फ घूमने-फिरने तक सीमित न रखें

थार क्लब के संस्थापक अध्यक्ष राजीव खुराना बताते हैं कि यह क्लब केवल शौक के लिए नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए बनाया गया है। उनके अनुसार हम चाहते थे कि थार के शौक को सिर्फ घूमने-फिरने तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे एक जिम्मेदारी से भी जोड़ा जाए। थारिएंस क्लब उतराखंड में नदी वाले स्थानों पर राइडिंग के साथ हर 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा निकालने के साथ-साथ समय पर जलसंरक्षण आदि को लेकर सामाजिक अभियान चलाता है, जिसमें सभी 30 थारें एक साथ निकलती हैं।

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क्लब के सचिव सुबोध भारद्वाज बताते हैं कि क्लब में कई महिलाएं सदस्य भी सक्रिय हैं, जो थार खुद चलाती हैं और ऑफ-रोडिंग इवेंट्स में अपना हुनर दिखाती हैं। इससे क्लब का दायरा सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह परिवारों के लिए एक सकारात्मक और सुरक्षित मंच बन गया है।

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वह बताते हैं कि थारिएंस क्लब के सदस्यों का मानना है कि थार ने उन्हें एक नए समुदाय से जोड़ा है। पहले वे सिर्फ गाड़ी तक सीमित थे, लेकिन क्लब से जुड़ने के बाद उन्हें समाजसेवा, नई जगहें देखने और समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने का मौका मिला। 

इसलिए बढ़ी थार की लोकप्रियता 

थार की लोकप्रियता के पीछे इसके मजबूती और विशेषताएं सबसे बड़ा कारण हैं। मूसाराम इंटरप्राइजस के प्रबंध निदेशक दिनेश अग्रवाल बताते हैं कि थार में वह सब कुछ है, जो भारतीय सड़क और कठिन रास्तों के लिए जरूरी है। इसका पेट्रोल और डीजल इंजन न केवल दमदार पावर देते हैं, बल्कि हर तरह के रास्ते पर कमाल का परफॉर्मेंस दिखाते हैं।

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थार को खास इसलिए माना जाता है, क्योंकि यह सिर्फ शहर की गाड़ी नहीं है, बल्कि पहाड़, रेगिस्तान, कीचड़-हर जगह अपनी पकड़ बनाए रखती है। यही नहीं थार का ग्राउंड क्लीयरेंस, चार बाई चार ड्राइव, वॉटर वेडिंग क्षमता और टॉर्क इसे अपनी श्रेणी की अन्य एसयूवी से आगे रखते हैं। इसलिए थार सिर्फ युवा ही नहीं, परिवारों में भी पसंद की जा रही है।

बरेली शहर में अब तक 450 से अधिक थारें बिक चुकी हैं

स्थानीय डीलरों के अनुसार बरेली में महिंद्रा थार की ऑन-रोड कीमतें वेरिएंट के हिसाब से 15.5  लाख रुपये से 21 लाख रुपये तक जाती हैं, जबकि टॉप मॉडल की कीमत 22 लाख रुपये के करीब पड़ती है। शहर में थार के लॉन्च होने के बाद से अब तक लगभग 450 से अधिक थारें बिक चुकी हैं, जो बरेली के युवाओं की पसंद का मजबूत संकेत देती हैं।

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मजेदार बात यह भी है कि थार खरीदने वाले कई युवा पहले से एसयूवी चला रहे थे, लेकिन जब से थार गाड़ी लांच हुई लोग इसे सिर्फ गाड़ी नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल मान रहे हैं। खासकर वीकेंड पर यह गाड़ी बरेली के आसपास के हिल स्पॉट्स या नदी किनारे ऑफ-रोडिंग के लिए खूब दिखाई देती है। शहर में शादी-ब्याह के अवसर हों या किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी, थार का प्रवेश ही माहौल को अलग बना देता है।-प्रस्तुति- महिपाल गंगवार