अयोध्या: सिस्टम की मार, तहसीलों के अग्निशमन केंद्र बीमार, 12 कर्मियों पर है 608 गांवों की जिम्मेवारी

अयोध्या: सिस्टम की मार, तहसीलों के अग्निशमन केंद्र बीमार, 12 कर्मियों पर है 608 गांवों की जिम्मेवारी

अयोध्या, अमृत विचार। गर्मी आते ही जिले में अग्निकांडों की शुरुआत हो गई है। हर साल होने वाले अग्निकांड में न सिर्फ फसलें व घर राख हो जाते हैं बल्कि जनहानि भी होती है। जिले में होने वाले अग्निकांडों पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं। तीन तहसीलों में अग्निशमन केंद्र तो हैंब, लेकिन फायरमैन और फायर टेंडर की कमी है। इसे लेकर पेश है ‘अमृत विचार’की एक रि,पोर्ट।

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अयोध्या-एक कमरे में चल रहा है सोहावल का अस्थाई अग्निशमन केन्द्र

 

12 कर्मियों पर है 608 गांवों की जिम्मेवारी
रुदौली तहसील क्षेत्र में 608 गांवों में आग बुझाने के लिए सिर्फ एक फायर टेंडर और एक बोलेरो कैंपर की व्यवस्था है। आग बुझाने की जिम्मेवारी 12 कर्मचारियों के भरोसे है। आग बुझाने के लिए जरूरी संसाधन भी नहीं है। फायर स्टेशन में 21 कर्मचारियों की जरूरत है। रुदौली और मवई ब्लॉक के क्रमश: 89 व 48 ग्राम पंचायतों के 608 गांवों के अलावा नगर पालिका रुदौली और नगर पंचायत मां कामाख्या धाम में अग्निकांड की घटना पर काबू पाने के लिए भेलसर स्थित हाईवे किनारे फायर स्टेशन की स्थापना तो हुई है लेकिन यहां व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। 

यहां दमकल विभाग के 12 फायर मैन और एक-एक सर्विस चालक व अग्निशमन द्वितीय अधिकारी की तैनाती है। यहां लीडिंग फायरमैन का पद तो सृजित है, लेकिन उन्हें लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर रखा गया है। घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक फायर टेंडर 2500 लीटर का और एक बोलेरो कैंपर विथ पोर्टेबल डीजल पंप की ही व्यवस्था है। रुदौली फायर स्टेशन के अग्निशमन द्वितीय अधिकारी सुधीर यादव ने बताया उनके यहां पर्याप्त इंतजाम हैं।

एक कमरे में चलता है अग्निशमन केन्द्र 
सोहावल तहसील में भी बुरा हाल है। रौनाही थाना के एक कमरे में स्थापित तहसील क्षेत्र के एक मात्र अग्निशमन केंद्र में एक लीडर सहित कुल 8 कर्मचारी नियुक्त हैं, जिनके कंधों पर लगभग 600 राजस्व गांव से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी है। एक छोटी और एक बड़ी मशीन से आग बुझाने का काम किया जाता है। केंद्र प्रभारी कमलेश कुमार मिश्र ने बताया बड़ी मशीन का टैंक पानी से भरने तक की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए निजी नलकूप चालकों के साथ सबमर्सिबल बोरिंग का सहारा लेना पड़ता है। 

20 कर्मियों के कंधे पर लगभग 5 लाख आबादी की जिम्मेदारी
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत तीनों ब्लाकों को मिलाकर लगभग 5 लाख की आबादी है। तहसील क्षेत्र अंतर्गत मिल्कीपुर में बने एक पुलिस फायर स्टेशन में 26 फायर कर्मियों के सापेक्ष मात्र 20 कर्मियों की ही तैनाती है। फायर स्टेशन मिल्कीपुर के प्रभारी अग्निशमन द्वितीय अधिकारी नितेश शुक्ला ने बताया आग से निपटने के लिए सिर्फ 45 सौ लीटर का एक फायर टेंडर व एक बोलेरो कैंपर की व्यवस्था है। यहां ढाई सौ लीटर की एक और फायर टेंडर की आवश्यकता है, जिससे गांव के संकरे रास्ते में आसानी से पहुंच कर आग पर काबू पाया जा सके। यहां दो चालक का पद सृजित है लेकिन तैनाती नहीं है। 

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नाम बड़े दर्शन छोटे : रुदौली का स्थाई अग्निशमन केन्द्र

 

गोसाईगंज में फायर ब्रिगेड का कोई भी वाहन नहीं 
गोसाईगंज कोतवाली इलाके में कस्बे सहित कुल 67 गांव है, लेकिन ना तो कोई फायर सर्विस स्टेशन है और न ही फायर बिग्रेड की कोई गाड़ी यहां तैनात है। कस्बे और गांव में आग से निपटने का कोई साधन मौजूद नहीं है। बहुत कहने सुनने पर एक छोटी गाड़ी तैनात हुई वो भी यहां से दस किलोमीटर दूर महराजगंज थाने में खड़ी रहती है। आग लगने पर लोग अपने संसाधन से बुझाने का प्रयास करते हैं, लेकिन जब तक उस पर काबू पाते है तब तक पूरी गृहस्थी जलकर राख हो जाती है। लोगों का कहना है कि कोतवाली परिसर में ही एक फायर बिग्रेड की स्थापना हो। 

पूराबाजार में मुख्यालय से पहुंचती हैं दमकल गाड़ियां 
विकास खंड पूरा बाजार के 54 ग्राम पंचायत में तो अग्निकांड से बचाव के लिए ब्लॉक स्तर पर कोई भी अग्निशमन केंद्र नहीं है। ब्लॉक में यदि कोई अग्निकांड घटना होती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जिले से आती हैं। राकेश प्रताप सिंह, शोभाराम वर्मा, आनंद सिंह पिंटू, योगेश मिश्रा कहते हैं कि ब्लॉक स्तर पर आग बुझाने के लिए कोई भी फायर सर्विस केंद्र की व्यवस्था न होने से काफी नुकसान हो जाता है। पुलिस चौकी पूरा बाजार के प्रभारी राम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि अग्निकांड की स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जनपद से बुलानी पड़ती है।

पुलिस लाइन, बीकापुर, मिल्कीपुर व रुदौली में ही अभी स्थाई अग्निशमन केन्द्र हैं। महराजगंज व सोहावल में एक-एक फायर टेंडर हैं। फायर कर्मियों व फायर टेंडर का अभाव है, जिसके लिए शासन को डिमांड भेजी गई है। सीमित संसाधनों में बेहतर सेवा का प्रयोग रहता है ... महेंद्र कुमार सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, अयोध्या।

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