मुरादाबाद : पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशिक की पुलिस ने खोली हिस्ट्रीशीट

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Published By Priya
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कोर्ट में पेश होकर बाहर आते ललित कौशिक

मुरादाबाद, अमृत विचार। हत्या, हत्या के प्रयास व अपहरण सरीखे आरोपों से घिरे मूंढापांडे के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशिक की हिस्ट्रीशीट पुलिस ने खोल दी है। हिस्ट्रीशीट खोजे जाने के बाद कानूनी दृष्टि से ललित कौशिक की मुश्किलें और बढ़नी तय हैं। मूंढापांडे पुलिस ने एक ईंट भट्ठा मजदूर का अपहरण व उसकी हत्या करने की कोशिश के आरोप में 25 मार्च को मूंढापांडे ब्लॉक के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा। 27 मार्च को एसएसपी ने स्पोर्ट्स व्यापारी कुशांक गुप्ता की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी ललित कौशिक के सिर मढ़ा। 

ललित कौशिक के अपराध का कारवां यहीं नहीं थमा। 31 मार्च को एसएसपी ने बहुचर्चित सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड को अंजाम देने का ठीकरा भी ललित कौशिक के सिर फोड़ा। एसएसपी ने बताया कि श्वेताभ की संपत्ति पर गिद्ध नजर रखने वाले ललित कौशिक ने अपने साथियों की मदद से सीए को मौत के घाट उतारा। ललित कौशिक को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया। ललित कौशिक  तीन अन्य साथियों के साथ फिलहाल जेल में बंद हैं। 

डीआईजी शलभ माथुर ने ललित कौशिक की हिस्ट्रीशीट खोलने और उसे गैंगस्टर के तहत पाबंद करने का आदेश दिया था। इसके तहत सिविल लाइंस पुलिस ने मंगलवार को ललित कौशिक की हिस्ट्रीशीट खोलते हुए पत्रावली एसएसपी को भेजी। देर शाम एसएसपी हेमराज मीना ने पत्रावली पर हस्ताक्षर कर ललित कौशिक की हिस्ट्रीशीट खोल दी। ललित कौशिक पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। इसमें सिविल लाइंस थाने के तीन, मूंढापांडे के चार और मझोला थाने के दो मुकदमें शामिल हैं। 

थाने में लगानी पड़ती है हाजिरी
हिस्ट्रीशीटर की दो कैटेगरी होती है। कैटेगरी ए में चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं। वहीं, कैटेगरी बी में पेशेवर अपराधियों को रखा जाता है। पुलिस की निरंतर निगरानी में रहेंगे। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद, अपराधी को रेगुलर तौर पर पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस उसकी उपस्थिति की जांच करने के लिए उसके घर जाएगी।

 इनकम का पता लगाने में मदद
हिस्ट्री शीट अपराधियों की आय के स्रोत को ट्रैक करने में मदद मिलती है। अपराधी ने अपराध करना बंद कर दिया है और वैध तरीकों से पैसा कमा रहा है, इसकी जांच की जा सकती है। ऐसी संभावना होती है कि कानून तोड़ने वाला बेरोजगार है फिर भी शानदार जीवन शैली जी रहा है। ऐसे में अवैध तरीकों से कमाई का संदेह होता है। 

स्थानीय पुलिस भी रखती है नजर
एक बार पकड़े जाने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए, शातिर अपना पता बदलते रहते हैं। दूसरे जिलों में रहने के साथ ही वे फिर से अपनी आपराधिक गतिविधियों को शुरू कर देते हैं। ऐसे में राज्य विशेष की पुलिस दूसरे राज्यों या जिले की स्थानीय पुलिस को उन इलाकों की सूचना देते हैं जहां ये लोग हो सकते हैं। साथ ही स्थानीय पुलिस से उन पर कड़ी नजर रखने के लिए कहते हैं। अपराध पर अंकुश लगाने के लिए, पुलिस अक्सर शहर में क्राइम मैपिंग, हॉट स्पॉट की पहचान और एक्टिव क्राइम रोकने के लिए कई तरह की रणनीतियों का सहारा लेती है।

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