गेहूं खरीद: बोहनी तक को तरसे मंडी परिषद के केंद्र

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Published By Jagat Mishra
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1 अप्रैल को छह जिलों में खुले थे 17 केंद्र, सिर्फ बलिया के एक केंद्र पर हुई खरीद

अमृत विचार, लखनऊ। गेहूं खरीद के लिए खोले गए मंडी परिषद के केंद्र बोहनी तक को तरस गए हैं। छह जिले में संचालित 17 केंद्रों में सिर्फ एक में खरीद हो सकी है। जबकि अन्य में बाजार भाव ज्यादा होने के कारण सन्नाटा छाया है।

मंडी परिषद को प्रदेशभर में 150 गेहूं खरीद केंद्र खोलने का लक्ष्य मिला है। जिसमें 97 केंद्र स्वीकृत है। जबकि 1 अप्रैल से गाजीपुर व बलिया में चार-चार केंद्र, अंबेडकर नगर व चित्रकूट में एक-एक केंद्र, मिर्जापुर में दो व हरदोई में पांच केंद्र खोलकर योजना की शुरुआत की गई थी। यह सभी केंद्र किसानों की सुविधा के लिए मंडी समिति परिसर में संचालित हैं। लेकिन, बोहनी तक नहीं हो पाई है। सिर्फ बलिया की मंडी में संचालित एक केंद्र पर 9.60 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा सका है। जबकि 16 केंद्रों पर सन्नाटा छाया है। इसकी वजह समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल है। जबकि बाजार भाव इससे अधिक है। दूसरी वजह यह भी बताई जा रही कि बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। जो सरकारी खरीद के मानकों में खरा नहीं उतर रहा है। इस वजह से अन्य प्रस्तावित केंद्र भी खोलना भी घाटे का सौदा है।

पोर्टल पर लंबित सत्यापन, ऑफलाइन खरीद
प्रदेश भर में करीब 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का मिला है। शाखा विपणन, पीसीएफ, एफसीआई समेत अन्य सरकारी संस्थाओं ने केंद्र खोले हैं। जहां अधिकांश जगह 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेचने का सत्यापन एडीएम के पोर्टल पर लंबित है। इस कारण केंद्र प्रभारी अपनी खरीद बढ़ाने के लिए किसानों से ऑफलाइन गेहूं खरीद कर रहे हैं। लेकिन, यह खरीद ऑनलाइन रिकॉर्ड में नहीं जुड़ रही है। इस कारण किसान परेशान हैं।

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