AI कैमरे लगाए जाने को लेकर कांग्रेस का केरल सरकार पर हमला जारी
त्रिशूर (केरल)। विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को राज्य में सत्तारूढ़ वाम दलों पर ‘‘सुरक्षित केरल’’ पहल के तहत कृत्रिम मेधा (एआई) कैमरे लगाए जाने को लेकर हमला जारी रखा और इस मामले में ठेका देने में अनियमितता तथा परियोजना लागत में वृद्धि का आरोप लगाया।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि प्रदेश की वाम सरकार ने पूरी तरह से स्वचालित यातायात प्रवर्तन प्रणाली स्थापित करने के लिए 2020 में केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (केलट्रॉन) के साथ एक समझौता किया था। उन्होंने दावा किया कि इसके बाद केलट्रॉन ने परियोजना के लिए बेंगलुरु स्थित एसआरआईटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को निविदा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए ठेका दे दिया।
चेन्निथला ने आरोप लगाया कि एसआरआईटी के पास इस तरह की परियोजनाओं में काम करने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने केरल की दो कंपनियों के एक संघ को काम का उप-ठेका दिया और वे भी इस मामले में अनुभवहीन थीं। कांग्रेस नेता ने यहां मीडिया से बतचीत में आरोप लगाया कि परियोजना के लिए अनुबंध देने और इसके कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि एसआरआईटी के पास इस तरह की परियोजनाओं के संचालन की आर्थिक क्षमता है या नहीं। चेन्निथला ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना के लिए जनता से वसूले गए जुर्माने से 20 किस्तों में कंपनियों को पैसा दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसमें, न तो सरकार को, न ही केलट्रॉन या अन्य कंपनियों को परियोजना के लिए कोई पैसा खर्च करना होगा, क्योंकि इसके लिए आम जनता ही भुगतान करेगी।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि ये केवल नंबर प्लेट की पहचान करने वाले कैमरे (एएनपीआर) हैं, न कि एआई आधारित कैमरे जैसा कि सरकार ने दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘एआई एक प्रक्रिया है। इस तरह का कोई कैमरा नहीं है। ये केवल एएनपीआर कैमरे हैं। लोगों को भ्रमित करने के लिए इसे एआई कैमरा बताया जा रहा है।’’
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