बरेली: केशलता इंटरनेशनल स्कूल में मनाया गया मजदूर दिवस

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। केशलता इंटरनेशनल स्कूल में बड़े धूमधाम से मजदूर दिवस मनाया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा ने बताया कि भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। मजदूर दिवस विभिन्न भारतीय राज्यों में कई अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जिसमें सबसे लोकप्रिय नाम मई दिवस है। मजदूर दिवस को हिंदी में कारगर दिन भी कहा जाता है। मराठी में कामकाज दिवस कहते हैं। लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह हमारे समाज में श्रमिक वर्ग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाने के रूप में भी कार्य करता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों और संयुक्त श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना उनके द्वारा किए गए योगदान को याद करना है ।

विद्यालय की निर्देशिका डॉक्टर लता अग्रवाल ने बताया कि मजदूरों का हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्व है और उसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमें उन श्रमिकों का सम्मान करना चाहिए तथा समाज में बराबर का स्थान भी देना चाहिए। स्कूल के विभिन्न बच्चों ने अलग-अलग प्रस्तुतियां के जरिए समझाया कि कैसे-कैसे कौन काम करता है और किसका क्या क्या योगदान है। कुछ बच्चे मजदूर बने , कुछ किसान तथा  कुछ ने माली बन के प्रस्तुतियां दी। धान्य शर्मा ने चिकित्सा के क्षेत्र में मजदूरों की भूमिका को दर्शाया। रचित और अर्णव ने किसान और मजदूर की भूमिका निभाई। अन्य  बच्चों ने भी विभिन्न प्रस्तुतियां दी। संगीत शिक्षिका मुस्कान शर्मा और शिवांगी साहनी एवं अन्य शिक्षकों का कार्यक्रम कराने में पूर्ण योगदान रहा।

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