काशीपुर: काला पीलिया से ग्रसित महिलाओं की बढ़ रही संख्या
काशीपुर, अमृत विचार। सरकारी अस्पताल में अलग प्रसव कक्ष नहीं होने पर काला पीलिया बीमारी से ग्रसित गर्भवतियों को प्रसव के लिए हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ठोस कदम उठाते नजर नहीं आ रहे हैं। एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में एक ऑपरेशन थिएटर और एक प्रसव कक्ष है, जहां पर सर्जरी, प्रसव सीजर, सामान्य प्रसव आदि होते हैं।
काला पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित महिलाओं के प्रसव के लिए अस्पताल में अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। नगर के निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों को कम ही एडमिट किया जाता है। प्रसव के दौरान बच्चे और अन्य के बचाव के लिए ऐसे मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाता है। जिसके चलते आने-जाने में मरीज और तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिले का दूसरा बड़ा अस्पताल काशीपुर होने के बावजूद भी ऐसे मरीजों के प्रसव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। जिसके चलते समय रहते प्रसव को पहुंचने वाली काला पीलिया से ग्रसित महिलाओं को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है, बावजूद विभाग इस ओर कोई ठोस कदम उठाता नहीं दिख रहा है।
काशीपुर में बढ़ रहे काला पीलिया के मरीज
काशीपुर। एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ अल्पना मिश्रा बताती हैं कि ओपीडी में पहुंचने वाली गर्भवतियों में 20 से अधिक गर्भवती महिलाएं काला पीलिया से ग्रसित पाई जा रही हैं। अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने पर एहतियात बरतने के साथ उन्हें हल्द्वानी में प्रसव कराने की सलाह दी जा रही है। जो समय से प्रसव को आती हैं तो उन्हें सुशीला तिवारी हल्द्वानी के लिए रेफर किया जाता है। जनवरी में सरबरखेड़ा निवासी आलिया (22) और फरवरी में भी एक महिला को रेफर किया गया है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी सिंघल और डॉ. देवेश चौहान बतातें कि महीने में काला पीलिया के चार-पांच केस पहुंच रहे हैं। वहीं डॉ. अमरजीत सिंह साहनी ने बताया कि ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल से इलाज कराने की सलाह दी जा रही है।
काला पीलिया से ग्रसित महिलाओं की बढ़ रही संख्या
काशीपुर। जानकारी के अनुसार काला पीलिया अधिकांश इंजेक्शन से नशा करने वालों को अधिक होता है। इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं की तादाद काशीपुर में बढ़ती जा रही है। इंजेक्शन से नशा करने वाले मरीजों को अस्पताल परिसर में खुले ओएसटी केंद्र में दवा खिलाई जा रही है। साथ ही लोगों को समय-समय पर जागरूक भी किया जा रहा है, बावजूद इसके अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा है।
जान जोखिम में डालकर स्टाफ ने किया प्रसव
काशीपुर। सरकारी अस्पताल के प्रसव कक्ष में डॉक्टर की देखरेख में स्टाफ नर्स सोनिया, नीतू चौहान ने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर काला पीलिया से ग्रसित इमरजेंसी स्थिति में 10 मार्च 2022 को कटोराताल निवासी साइन (24), 19 जुलाई को ग्राम बरखेड़ा पांडे निवासी स्वाती (21), 26 अक्तूबर को कुंडेश्वरा निवासी मानसी (21), 28 अक्तूबर को कचनाल गाजी निवासी राखी, 6 नवंबर को ग्राम मालधन निवासी सीमा, 3 जनवरी को खड़कपुर देवीपुरा निवासी जमुना (25), 9 फरवरी 2023 को कुमाऊं कॉलोनी निवासी सत्यवती (27), अप्रैल में दभौरा मुस्तकम निवासी अरमाना (22) का प्रसव कराया है।
काला पीलिया के लक्षण
काला पीलिया होने पर व्यक्ति को सिर दर्द, लो ग्रेड बुखार, उल्टी आना, भूख कम लगना, त्वचा में खुजली और थकान होना आदि लक्षण होते हैं।
एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में एक ही ओटी है। काला पीलिया से ग्रसित महिला का प्रसव करने में इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। इसके लिए अस्पताल में प्रसव कक्ष की व्यवस्था कराने का प्रयास किया जाएगा। अभी तक अधिक संख्या में काला पीलिया के मरीज अधिक पहुंचने की जानकारी नहीं थी।
-डॉ. मनोज कुमार शर्मा, सीएमओ, ऊधमसिंह नगर
