अयोध्या में मतदाताओं का फैसला चौंकाने वाला, निगम में भाजपा और निकाय बोर्ड में सपा को नहीं मिला बहुमत

आठ निकायों में चार-चार दोनों दलों के खाते में, गोसाईगंज, बीकापुर, मां कामाख्या में किसी भी दल को बोर्ड में नहीं बहुमत

अयोध्या में मतदाताओं का फैसला चौंकाने वाला, निगम में भाजपा और निकाय बोर्ड में सपा को नहीं मिला बहुमत

अयोध्या/अमृत विचार। नगरीय निकाय चुनाव में मतदाताओं ने फैसला सुनाने के साथ बड़ा संदेश भी दिया है। मतदाता ने महापौर व चेयरमैन पद पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों की झोली में बराबर-बराबर जीत डाली है। यह अलग बात है कि उसने भरतकुंड भदरसा नगर पंचायत को छोड़कर कहीं भी किसी दल को निकायों के बोर्ड में बहुमत का आंकड़ा नहीं दिया। 

यहां तक कि नगर निगम में रिकार्ड मत देकर भाजपा का महापौर तो बना दिया, लेकिन निगम के बोर्ड में बहुमत नहीं दिया। यह अलग बात है कि जहां जिस दल के चेयरमैन को बोर्ड में बहुमत नहीं मिला है वहां जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी तीस हजार से अधिक मतों से जीत गए, लेकिन उनकी टीम में पार्टी के 27 पार्षद ही जीत कर शामिल हो सके। 31 सीट प्राप्त करने पर ही उनका बोर्ड में बहुमत पूरा होता। माना जा रहा है कि भाजपा ने निर्दलीयों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। 
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समाजवादी पार्टी का चेयरमैन, सदन में बहुमत भाजपा का 

पूरा बाजार, अयोध्या/अमृत विचार। नगर पंचायत भरतकुंड भदरसा से भले ही समाजवादी पार्टी के चेयरमैन हो गए हो, लेकिन यहां बोर्ड में बहुमत भाजपा का है। भाजपा के सदस्य पद के दस प्रत्याशी जीते तो सपा के पांच। दो निर्दल समेत एक सभासद बसपा का भी निर्वाचित हुआ है। नगर पंचायत के मतदाताओं ने सपा और भाजपा दोनों को निराश नहीं किया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद पर मोहम्मद राशिद समेत पांच सभासद विजयी हुए तो 18 वार्डों वाले निकाय में भाजपा के दस सभासद जीते। हालांकि इसके बाद भी भाजपा को अध्यक्ष पद पर हार का सामना करना पड़ा। जानकारों का कहना है कि सपा तीन अन्य को भी मिला लेती है तब भी सदन में बहुमत में नहीं आ रही है। यहां से भाजपा के दस, सपा के पांच, एक बहुजन समाज पार्टी और दो निर्दलीय जीते हैं।

बीकापुर, गोसाईगंज, खिरौनी और कुमारगंज में किसी को बहुमत नहीं 

नगरीय निकाय चुनाव में शनिवार को आए मतदाता के फैसले के बाद चौंकाने वाला परिदृश्य सामने आया है। बीकापुर, गोसाईगंज, खिरौनी और कुमारगंज नगर पंचायतों में हंग सदन सामने आया है। यहां तो सपा और भाजपा के चेयरमैन बनें लेकिन बोर्ड में बहुमत से सभी दूर हैं। 11 वार्डों वाली नगर पंचायत बीकापुर में भाजपा के चेयरमैन जीते लेकिन बोर्ड में बहुमत नहीं है। यहां सपा के दो, भाजपा के एक और छह निर्दल जीते। एक - एक सभासद भाकपा और बसपा के हैं।

इसी तरह 15 वार्डों वाली नवसृजित नगर पंचायत खिरौनी सुच्चितागंज में सपा ने चेयरमैन तो जिता लिया, लेकिन बोर्ड में बहुमत नहीं। हालांकि यहां सपा के छह, भाजपा के चार और पांच निर्दलीय सभासद चुन कर आए हैं। सबसे बुरी स्थिति तो गोसाईगंज नगर पंचायत की है। यहां भाजपा की चेयरमैन बनी, लेकिन पार्टी के सिर्फ चार सभासद जीते। वहीं सपा के पांच और तीन निर्दल जीते। नतीजा हंग सदन बना। नगर पंचायत कुमारगंज में 13 वार्ड हैं लेकिन यहां भी दोनों दल बिना बहुमत के हैं। यहां सपा के चार, भाजपा के दो, कांग्रेस के तीन और चार निर्दल जीत कर आएं हैं।

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