रामनगर: वन क्षेत्र अंतर्गत मजार हुई ध्वस्त, आस-पास के लोगों ने किया हंगामा

Amrit Vichar Network
Published By Shweta Kalakoti
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नैनीताल, अमृत विचार। कार्बेट नेशनल पार्क के बिजरानी रेंज में स्थित मजार जो पुरानी शेर अली बाबा जो थपली बाबा के नाम से विख्यात थी  को जेसीबी के माद्यम से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। लोगों का मानना है कि थपली बाबा की मजार लगभग एक सौ बीस साल पुरानी थी।इस मजार पर मुस्लिम समाज के अलावा कई हिन्दू परिवार के लोग भी मन्नत मांगने जाया करते थे।

जिस समय मजार को तोड़ा गया उस दौरान भारी संख्या में वन कर्मी एवम पुलिस के जवान शन्ति ब्यवस्था कायम रखने के लिए मौके पर तैनात रहे। हालांकि इसके विरोध में लोग आमडण्डा एवम लखनुपर से मजार को जाने वाले मार्ग पर पहुंच गए थे मगर पुलिस ने किसी को भी मजार के समीप नही जाने दिया। जैसे ही मजार को ध्वस्त किया गया उसके तुरन्त बाद स्थानीय अनेक लोगो की बैठक ईदगाह के परिसर में आयोजित की गई।

जिसमें मजार को ध्वस्त किये जाने पर लोगो ने अपना रोष ब्यक्त किया। उधर कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना था कि कार्बेट टाइगर रिजर्व अन्तर्गत वन क्षेत्र में अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने की कार्यवाही के क्रम मे सोमवार को  बिजरानी रेंज, आमडन्डा बीट के फूलताल ब्लाक क.स. 07  स्थित थपली बाबा मजार को कोई धारणाधिकार की पुष्टि ना होने के कारण अवैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटा दिया गया है।

सीटीआर प्रसासन द्वारा जारी  बयान में कहा गया है कि  पूर्व मे टाइगर रिजर्व द्वारा संबंधित मजार को धारणाधिकार प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था। किसी भी प्रकार से धारणाधिकार की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए  हटा दिया गया है। उधर मजार को ध्वस्त किए जाने के दौरान नगर के आसपास से पुलिस द्वारा भारी सुरक्षा बल बुलाया गया था। मजार हटाने के दौरान किसी प्रकार का ब्यवधान उतपन्न न होने की वजह से पुलिस  ने राहत की सांस ली है। मजार स्थल के पास देर सायं तक पुलिस कर्मी व वन कर्मी भारी संख्या में मौजूद रहे। 


धरी रह गयी उर्स की सारी तैयारियां

धरी रह गयी उर्स की तैयारियां धरी रह गईं। बता दे कि थपली बाबा की मजार पर हर साल उर्स का आयोजन किया जाता है। जिसमे बाहर से कव्वाल आया करते है। इस साल थपली बाबा की मजार पर 81वा उर्स मुबारक 24 से 27 मई तक होना था जिसके लिए आयोजको द्वारा जनता से आर्थिक सहयोग भी लेना शुरू कर दिया था मगर उर्स से पहले ही इस मजार पर जेसीबी गरजने से उर्स की सारी तैयारियां धरी रह गयी है।

 

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