एआई कानून

एआई कानून

दुनिया में पिछले कई वर्षों से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार चर्चा में बनी हुई है। एआई मशीनों द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली बुद्धिमत्ता है, जो मनुष्यों या जानवरों द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धिमत्ता के विपरीत है।

एआई आने वाले वर्षों में किसी न किसी रूप में हर किसी के जीवन को छूने में सक्षम होगा। वर्ष 2018 में नीति आयोग ने एआई के अनुप्रयोगों पर विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की। यानि आने वाले वर्षों में भारत नई एआई प्रौद्योगिकियों का केंद्र बनने जा रहा है। हालांकि इसके नकारात्मक पहलू भी हैं। आशंका यह भी है कि एआई भारत जैसी श्रम आधारित अर्थव्यवस्था में गंभीर प्रभाव डाल सकता है जिसमें अधिकांश लोग अशिक्षित और गरीबी से त्रस्त हैं।

भारत जैसे विकासशील देश में एआई का उपयोग नियमित नहीं हो सकता है। बड़ी संख्या में डेटा और घटनाओं के बिना, एआई सिस्टम गलत परिणाम या गलत सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं और अविश्वसनीय स्रोतों से गलत डेटा प्राप्त करना उल्टा भी पड़ सकता है। चैट जीपीटी बनाकर दुनिया में एआई का चेहरा बन चुके ऑल्टमैन ने भी आशंका जताई है कि यह तकनीक समाज में दुष्टता, बेईमानी और पाप बढ़ा सकती है।

साइंस फिक्शन और फ्यूचरोलॉजी ने भी सुझाव दिया है कि एआई मानवता के लिए एक अस्तित्वगत जोखिम बन सकता है। यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीनों से जितने फायदे हैं, उतने ही खतरे भी हैं। 
साइबर अपराधी भी अपने मैलवेयर का विश्लेषण करने और अधिक उन्नत हमलों को लांच करने के लिए एआई का उपयोग कर सकते हैं।

जीपीटी जैसे मॉडलों को भी पारदर्शिता के मामले में सख्त नियमों का अनुपालन करना होगा। गौरतलब है कि भारत में डेटा सुरक्षा के लिए विशिष्ट कानून नहीं हैं, लेकिन व्यक्तिगत जानकारी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 43 ए और धारा 72 ए के तहत सुरक्षित है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को भारतीय संविधान के तहत मौलिक अधिकार के रूप में संरक्षित घोषित किया।

एक संयुक्त संसदीय समिति वर्तमान में डेटा संरक्षण पर एक मसौदा कानून के आधार पर पीडीपी विधेयक-व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 पर विचार कर रही है। एआई के कई नैतिक मुद्दों पर जोर देने और उनका विश्लेषण करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा चार समितियों की स्थापना की गई थी। अब यूरोपीय संसद की एक समिति ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) कानून के मसौदे पर मुहर लगा दी है जो भारत के लिए भी उदाहरण बनेगा। 

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