हल्द्वानी: पालतू कुत्तों का करा लें पंजीकरण, नहीं तो होगी कार्रवाई 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में हजारों की संख्या में पालतू कुत्ते हैं। मगर निगम के पास मात्र 300 कुत्तों का पंजीकरण है। निगम प्रशासन अब पालतू कुत्तों का पंजीकरण न कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है।

 करीब छह माह पहले पहली बार निगम ने पालतू कुत्तों का पंजीकरण और आवारा कुत्तों के बधियाकरण की कार्यवाही शुरू की। 10 हजार कुत्तों के बधियाकरण का लक्ष्य लेकर निगम चल रहा है। अब तक 6 हजार कुत्तों का बधियाकरण किया जा चुका है। पंजीकरण को लेकर अब तक कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई है, लेकिन अब इसकी तैयारी चल रही है। लोग महंगे कुत्ते पाल रहे हैं। मगर इनके पंजीकरण को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं।

इसका प्रभाव आम लोगों पर पड़ रहा है। पंजीकरण के बाद कुत्तों को रैबीज का टीका लगाना आवश्यक होता है। ताकि कुत्ता किसी को काट ले, तो उस पर संक्रमण का प्रभाव कम हो।  वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि 300 लोगों ने अब तक पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराया है और छह हजार का बधियाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण न कराने वाले लोगों के खिलाफ शीघ्र अभियान चलाया जाएगा। बिना पंजीकरण पकड़े जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


इसलिए जरूरी है पंजीकरण
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कांडपाल ने बताया कि पंजीकरण से पालतू कुत्तों का डाटा बेस तैयार किया जाता है। साथ ही समय-समय पर इनका स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक होता है और रेबीज के टीके लगाए जाते हैं। अवैध कुत्ते प्रजनन (डॉग ब्रीडिंग) नियंत्रित होती है। पंजीकरण से लापता पालतू कुत्तों का पता लगाने में मदद मिलती है। 


निगम के पास केवल एक गौशाला 
शहर में सैकड़ों लावारिस पशु घूम रहे हैं। आम राहगीर इनके हमलों में जख्मी हो रहे हैं। बीते दिन लावारिस पशु के हमले में एक व्यक्ति को जान भी गंवानी पड़ी है। मगर नगर निगम के पास इनके रखरखाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। एक गौशाला बनाई गई है, जहां मात्र दो गौ वंश के पशु हैं। 

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