अयोध्या : 90 दिनों के अंदर देना होगा प्रत्याशियों को चुनावी खर्च का हिसाब  

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Published By Jagat Mishra
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अमृत विचार, अयोध्या। जिले में निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान हुए खर्च का ब्यौरा तलब किया है। समय पर तथ्यों के साथ खर्च की जानकारी नहीं देने पर प्रत्याशियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। मतगणना की तारीख से 90 दिन के भीतर जवाब नहीं देने की दशा में कार्रवाई भी की जाएगी। 
    
इस बार आठ निकायों में महापौर, अध्यक्ष और सभासद पद के लिए कुल 1022 प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी किस्मत आजमाई थी। चुनाव प्रचार के दौरान चाय-पान से लेकर पोस्टर और बैनर, टोपी आदि के इस्तेमाल का भी हिसाब देना जरूरी था। जिला निर्वाचन कार्यालय ने खर्च की सूची चुनाव से पहले ही जारी कर दी थी। इसमें वीआइपी खाने में पूरी, सब्जी, रायते के साथ मिठाई है तो वहीं आमजन के लिए सादे खाने के पैकेट भी हैं। ये प्रत्याशी के ऊपर था कहां उसे वीआइपी व्यवस्था करनी थी और कहां साधारण पूरी-सब्जी के साथ अचार से काम चलाना था। बाजार दर के रेट जोड़े गए होते तो अधिकांश प्रत्याशी जल्दी ही निर्धारित सीमा को पार कर जाते।

90 दिनों के भीतर देना होगा अनिवार्य रूप से हिसाब 
उप जिला निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव की मतगणना 13 मई को समाप्त हुई थी। समस्त उम्मीदवार आगामी 13 अगस्त तक अनिवार्य रूप से अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा मय बहीखाता जमा कर दें। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को पहले ही निर्देश दिया गया है। यदि निर्धारित अवधि में ब्यौरा नहीं देता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।

यह थी निर्धारित खर्च सीमा
नगर निगम महापौर-35 लाख 
नगर निगम पार्षद-तीन लाख 
नगर पालिका अध्यक्ष - नौ लाख
नगर पालिका सदस्य - दो लाख 
नगर पंचायत अध्यक्ष - ढाई लाख 
नगर पंचायत सदस्य - 50 हजार

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