America : डॉक्यूमेंटिड ड्रीमर्स ने अमेरिकी सांसदों से की 'अमेरिकाज चिल्ड्रन एक्ट' पारित करने की अपील, जानिए क्यों?

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकियों समेत बड़ी संख्या में 'डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स' दर-दर की ठोकरें खाने के बाद अब चाहते हैं कि उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो जाए। 'डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स' वे दीर्घकालिक वीजा धारक हैं, जो बचपन में अपने अभिभावकों के साथ अमेरिका आए, वहीं कानूनी रूप से रहते हुए बड़े हुए, लेकिन 21 वर्ष की आयु का हो जाने पर उन्हें देश से निर्वासित होना पड़ सकता है। 

'डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स' के एक समूह ने अमेरिकी संसद भवन 'यूएस कैपिटल' में कई सांसदों के पास जाकर उनसे हाल में पेश किए गए 'अमेरिकाज चिल्ड्रन एक्ट' के समर्थन की गुहार लगाई है। इन युवा 'ड्रीमर्स' की संख्या करीब 2,50,000 है। वे सांसदों से ऐसे आवश्यक कानून बदलाव की मांग कर रहे हैं, जो उनकी नागरिकता का रास्ता साफ कर सके।

'डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स' की ओर से संघर्ष कर रहे 'इम्प्रूव द ड्रीम' संगठन के संस्थापक दीप पटेल ने कहा, इस उम्र संबंधी समस्या को स्थायी रूप से दूर करने और 'अमेरिकाज चिल्ड्रन एक्ट' को पारित करने का समय आ गया है। दो साल की उम्र में अमेरिका आई मुहिल रविचंद्रन (24) ने कहा कि अब उन्हें उस देश से बाहर जाना होगा, जिसे वह करीब दो दशक से अपना घर कहती आई हैं।

रविचंद्रन ने कहा, इसका मतलब है कि मुझे अपने परिवार को छोड़ना होगा, क्योंकि उन्हें उनके ग्रीन कार्ड पहले ही मिल गए हैं। यह बहुत कष्टकारी है कि मुझे हर दिन इस डर के साये में बिताना पड़ता है कि मुझे केवल उम्र की सीमा समाप्त हो जाने के कारण अपना घर छोड़ना पड़ेगा।

पटेल ने कहा कि चार साल पहले एक दुग्ध उत्पादक के बेटे को 19 साल से अधिक समय तक अमेरिका में रहने के बाद देश से बाहर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसी तरह पिछले 17 साल से अमेरिका में रह रहे एक नर्सिंग स्नातक को दो साल पहले देश छोड़कर जाना पड़ा, जबकि उस समय कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप चरम पर था और देश में नर्सिंग कर्मचारियों की कमी थी। पटेल ने कहा, इस साल 10,000 से अधिक लोगों पर इसी प्रकार का खतरा है। इसका कोई औचित्य नहीं है। हमारे लिए, हमारा परिवार हमारा देश है और इसीलिए हमें 'अमेरिकाज चिल्ड्रन एक्ट' की आवश्यकता है।

ये भी पढ़ें :  Russia-Ukraine War : यूक्रेन संघर्ष संभवत: दशकों तक चलेगा, सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष Dmitry Medvedev ने कहा

संबंधित समाचार