बरेली: निवेशकों ने आईसीएल कंपनी के निदेशक आरके गोला को पकड़कर पुलिस को सौंपा

बरेली और पीलीभीत के हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपये डकार गया रूपकिशोर गोला

बरेली: निवेशकों ने आईसीएल कंपनी के निदेशक आरके गोला को पकड़कर पुलिस को सौंपा

बरेली, अमृत विचार। हजारों निवेशकों के लाखों रुपये हड़पने वाले आईसीएल ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक रूप किशोर गोला को शुक्रवार को निवेशकों ने सहयोगी के साथ अखा गांव के पास स्थित उसके डेयरी फार्म से पकड़ लिया। वह यहां रात की पार्टी की तैयारी कर रहा था। निवेशक उसे पकड़कर गांधीपुरम कार्यालय ले गए और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। कई निवेशकों ने थाना प्रेमनगर में आरोपी के खिलाफ तहरीर देकर आरोप लगाया कि कंपनी ने पांच साल में निवेश की गई रकम दोगुनी करने का एग्रीमेंट किया था लेकिन मियाद पूरी होने के ढाई साल बाद भी पैसा नहीं लौटा रही है।

निवेशकों का कहना है कि उन्हें बताया गया कि पांच वर्ष रुपये जमा करने पर 12.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा और पांच वर्ष पूरे होने पर रुपये वापस कर दिए जाएंगे। बताया कि कोरोना काल 2020 में अवधि पूरी हो गई थी। उस वक्त जब निवेशकों ने रुपये मांगे तो रूपकिशोर गोला ने सभी निवेशकों से कह दिया कि कोरोना काल के कारण कंपनी घाटे में चली गई है। कुछ इंतजार करो। आरोप है कि इसके बाद बिना किसी के हस्ताक्षर कराए एफडी की अवधि तीन वर्ष और बढ़ा दी। लोगों ने बताया कि दिसंबर 2022 में अवधि पूरी हो गई। तब लोगों ने जनवरी में रुपये मांगे। इस पर रूपकिशोर गोला और उसके सहयोगी टालमटोल करने लगे।

अखा स्थित डेयरी फार्म पर पार्टी की तैयारी कर रहा था गोला
निवेशकों ने बताया कि आरके गोला उन लोगों से व्हाट्सएप कॉल पर बात करता था। काल के दौरान वह हमेशा विदेश में रहने की बात कहता था। गुरुवार रात को उन लोगों को पता चला कि शुक्रवार को आरके गोला अखा स्थित अपने डेयरी फार्म पर शाम को पार्टी करने के लिए आ रहा है। इसके बाद निवेशक एक दूसरे से वार्ता करके एकत्र हुए और अखा स्थित डेयरी फार्म पर पहुंच गए।

जिस वक्त सैकड़ों निवेशक डेयरी फार्म पर पहुंचे थे, उस वक्त वह रात में होने वाली पार्टी की तैयारी कर रहा था। उसने और सहयोगी ने पहले लोगों से हेकड़ी दिखाई, लेकिन जब निवेशक गर्म हुए तो वह उनके साथ चला गया। इसके बाद सभी लोग गांधीपुरम कार्यालय लेकर गए। वहां से पुलिस उसे और उसके सहयोगी को थाने ले आई।

बरेली के इन निवेशकों का अटक गया धन
गुलाबनगर निवासिनी नीता सक्सेना के 1.85 लाख रुपये, भूड़ की निधि सक्सेना के 1.85 लाख, शाहबाद गेट निवासी उमेश के 2.25 लाख रुपये, भूड़ की रीता के 4.40 लाख, शाहबाद की छाया के 64 हजार, ईश्वरवती के 1.85 लाख, मुकेश वर्मा के 2.32 लाख, अंकित वर्मा के 65700, प्रदीप कुमार के 48900, दर्पण वर्मा के 8200, अंकित वर्मा के 32 हजार, जगदीश सरन वर्मा के 69300, अनिल वर्मा के 40800, संजीव वर्मा के 9 हजार, 1.10 लाख, 83 हजार, प्रीति वर्मा के 1.10 लाख, मुकेश वर्मा के 1.21 लाख, पियूष अग्रवाल के 48 हजार, नीतू गंगवार के 9 हजार, रचना वर्मा के 59 हजार, रामबेटी वर्मा के 83 हजार, गौरंग वर्मा के 83 हजार, तीर्थ पाल के 25 हजार,

रितिका वर्मा के 1 लाख 5 हजार, कटरा चांद खां निवासी रामाश्रय लाल और उनके बेटे के 4.86 लाख, रामरक्खी और रोहित कुमार के दो लाख, परवाना नगर के अमर सिंह के 50 हजार, भोजीपुरा के गांव हुलास कुंवर खतोला की कलावती के एक लाख, उनकी बेटी सुमन के एक लाख, एजेंट जयदेवी के 10 लाख, रहपुरा चौधरी की ममता के एक लाख, चौपुला इलाके में रहने वाली कुसुम, मनोरमा के एक-एक लाख रुपये हड़पे गए हैं। निवेशकों ने बताया कि इनके अलावा बरेली के करीब हजारों निवेशक हैं जिनके रुपये हड़प लिए हैं।

पीलीभीत के निवेशकों का डूब गया धन
पीलीभीत की पूनम जायसवाल, सिल्पी, अवधेश कुमार, रेनू जायसवाल,अवधेश कुमार, मुन्नी देवी, वीरेंद्र कुमार, अखिलेश कुमार, लवी जायसवाल, राजेश कुमार, सरिता देवी, हरिराम, चुन्नी सिंह, माधुरी देवी, धर्मवीर, गोमिद राम, नीरज जायसवाल, ज्ञानवती, सूरजपाल, रहीसउद्दीन, धर्मपाल, साक्षी, राकेश कुमार, दिलीप कुमार, दिलीप, साक्षी जौहरी लाल, ईश्वरीप्रसाद, चंद्रसेन, सुरेश कुमार, वेदपाल, कमोदकुमार, शिवरानी, धनदेवी, धर्मवती,

गुरुदयाल, रीता देवी, मानसिंह, नीतू वर्मा, श्रीकृष्ण, उर्मिला देवी, होरीलाल, डोरीलाल, राजकुमारी, रुपपाल, वीरेशा देवी, रेशमा देवी, मोतीराम, रीता देवी, रीता देवी, यशपाल, लालाराम, उमादेवी, मुरलीधर, कौशल्या देवी, कुशलपाल, मोहिनी देवी, ताराचंद, नेमचंद, कटोरी देवी, लालाराम, सोमवती, मोहिनी देवी के लाखों रुपये के अलावा ताराचंद समेत कई एजेंटों के लाखों रुपये हड़प लिए हैं। पीलीभीत से भी दर्जनों निवेशक बरेली पहुंचे। बताया जाता है कि इनके अलावा पीलीभीत के बड़ी संख्या में निवेशक हैं, जिनके रुपये नहीं मिले हैं।

पहले भी निवेशक कर चुके हैं हंगामा
रुपये न मिलने पर इससे पहले भी सैकड़ों निवेशक गोला के गांधीपुरम स्थित कार्यालय पर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन उस वक्त उन्हें गोला नहीं मिला। तब पुलिस उसके कार्यालय में कार्य करने वालों को थाने उठा लाई थी, लेकिन गोला या उसका भाई तब भी पुलिस के सामने नहीं आया था। इसके बाद पुलिस ने कर्मचारियों को छोड़ दिया था। यह मामला जनवरी में उछला था।

सत्ता पक्ष में आरके गोला की है धमक
निवेशकों ने बताया कि आरके गोला की सत्तापक्ष में मजबूत पकड़ है। यही वजह है कि वह निवेशकों को कुछ नहीं समझता है। कुछ निवेशकों ने बताया कि आरके गोला से जब निवेशकों ने रुपये मांगे तो उसने कहा कि वह सत्तापक्ष में अच्छी पकड़ रखता है, जिस वजह से पुलिस और प्रशासन उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। आरके गोला के कई फोटो सत्तापक्ष के उच्च कद के नेताओं के साथ हैं। जिनकी धमक दिखाकर वह निवेशकों को हड़काता रहता है।

पीलीभीत और बरेली में दर्ज हैं मुकदमे
रूपकिशोर गोला के खिलाफ धोखाधड़ी के तीन मुकदमे थाना प्रेमनगर में दर्ज हैं। उसमें एक मुकदमा वर्ष 2022 में रुकमिणी देवी ने थाना प्रेमनगर में दर्ज कराया था। खुर्रम गौटिया में रहने वाली रुक्मिणी देवी का आरोप है कि आईसीएल ग्रुप की कई कंपनियां चल रही हैं। बिलासपुर में रामपुर रोड पर कंपनी ने प्लाटिंग की थी। मार्च 2014 में सौ वर्ग गज जमीन के लिए 3500 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से बयाना दिया गया था। कंपनी में तीन लाख रुपये जमा किए गए।

धीरे-धीरे 65 लाख रुपये जमा करा लिए गए लेकिन कंपनी ने कोई वादा पूरा नहीं किया। रुक्मिणी ने कंपनी के सीएमडी आरके गोला, एमडी जेके गुप्ता, अवधेश गोला समेत 11 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा रखी है। इसके अलावा प्रदीप कुमार सक्सेना ने भी आरोपी के खिलाफ थाना प्रेमनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसकी अपराध संख्या 191/2022 है। एक अन्य व्यक्ति ने भी गोला के खिलाफ प्रेमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसका अपराध संख्या 10/2023 है। शुक्रवार को भी कई निवेशकों ने आरोपी के खिलाफ थाना प्रेमनगर में शिकायती पत्र दिया है।

निवेशकों के कहने पर पुलिस आरके गोला और उसके सहयोगी को थाने ले आई है। उससे पूछताछ चल रही है। कुछ निवेशकों ने शिकायती पत्र दिया है। गोला और उसके सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर की जाएगी--- राजेश कुमार सिंह - इंस्पेक्टर प्रेमनगर।

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