लखनऊ : हिन्दी-उर्दू के समागम से जायेगा भाईचारे का सन्देश, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, लखनऊ । गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में शनिवार की शाम अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मंजर भोपाली, शम्भू शिखर और मनीष शुक्ला सरीखे रचनाकार शामिल हुए। कवि सम्मेलन और मुशायरे में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविन्द गोप ने कहा कि शायर और कवि समाज का दर्पण होते हैं। यह जनसामान्य की पीड़ा का मुद्दा उठाते हैं और जिम्मेदारों को आइना दिखाने का काम करते हैं। यह आयोजन नदीम फार्रुख और आफताब अल्वी ने किया था।

अरविन्द सिंह गोप ने कहा कि हमारे जीवन में जितना हिन्दी का महत्व है उतना ही उर्दू का भी महत्व है। इसी वजह से हमारी जो तहजीब है वह गंगा जमुनी तहजीब है। हमारा शहर लखनऊ यूं भी तहजीब का शहर कहा जाता है। यहां पर हिन्दी-उर्दू के समागम का जो यह आयोजन हुआ है उससे एकता और भाईचारे का सन्देश पूरी प्रदेश में जायेगा।

उर्दू और हिन्दी में रचनाकारों ने एक ही मंच से जो सन्देश देने की कोशिश की है उसने यह बात साफ़ कर दी है दोनों भाषाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों साथ न हों तो हम अधूरे हैं। हिन्दी और उर्दू का एक साथ आनन्द लेने से समाज में अपनत्व और भाईचारा बढ़ता है। कार्यक्रम में सांसद पीएल पुनिया भी मौजूद थे।

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