देशवासियों का संकल्प

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
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हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। यह मौका राष्ट्रीय एकता का अवसर था, दुर्भाग्य से राजनीति केंद्र में आ गई। विपक्षी दलों के कार्यक्रम का बहिष्कार करने को एक अतिवादी कदम कहा जा सकता है। हालांकि सरकार ने भी विपक्ष को भरोसे में लेने के लिए कुछ खास नहीं किया। वास्तव में राष्ट्र की यात्रा में एक मील के पत्थर को एक दलगत घटना में बदलना निश्चित रूप से खराब है। क्योंकि लोकतंत्र इमारतों और मूर्तियों के बारे में नहीं है। संसद को स्वस्थ विचार-विमर्श के मंदिर के रूप में देखा जाता है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है। ये सिर्फ एक भवन नहीं है। ये 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह नई संसद एक नई ऊर्जा और नई मजबूती प्रदान करेगी। 

बीते डेढ़-दो दशकों से चर्चा लगातार हो रही थी कि देश को एक नए संसद भवन की आवश्यकता है। कहा जा सकता है कि नया संसद भवन समय की मांग था। अपने विशाल आकार और भव्य इमारत के लिए भारत की संसद पूरी दुनिया में पहचानी जाती है। भारत में पहली बार संसदीय चुनाव 1951 में हुए थे। उस समय लोकसभा की 489 सीटें थीं।

आज लोकसभा में 543 सदस्य हैं। 2026 में परिसीमन होना है, उसके बाद सदस्यों की संख्या और बढ़ जाएगी। नया परिसीमन इसलिए भी जरूरी बताया जा रहा है क्योंकि इस वक्त एक सांसद करीब 25 लाख की आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल था कि 2026 में परिसीमन के बाद बढ़ने वाले संसद सदस्यों का भार उठाने में वर्तमान संसद भवन की इमारत सक्षम नहीं है।  पुरानी बिल्डिंग को बने 100 साल पूरे होने वाले हैं, उसमें इन सबको कैसे समायोजित किया जाएगा।

कहा जा रहा था कि भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाली इस कार्यस्थली को भी उतना ही नवीन होना चाहिए, आधुनिक होना चाहिए। ये संसद भवन हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जागृत करेगा। नए भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। इसमें कला भी है, कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है, और संविधान के स्वर भी हैं। ये विकसित भारत के निर्माण में हम सभी के लिए नई प्रेरणा बनेगा।