हल्द्वानी: सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं नहीं बेच रहे किसान

किसानों के घरों पर पहुंचकर गेहूं खरीद रहे बिचौलिये 

हल्द्वानी: सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं नहीं बेच रहे किसान

हल्द्वानी, अमृत विचार। शासन की ओर से भले ही गेहूं खरीद के लिए क्रय केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन केंद्रों पर किसानों की उपस्थिति नगण्य बनी हुई है। खरीद आरंभ हुए डेढ़ माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक लक्ष्य के सापेक्ष काफी कम खरीद हुई है। इसका कारण यह है कि बिचौलिए किसानों से लगभग सरकारी रेट पर उनकी उपज उनके घर पहुंचकर खरीद ले रहे हैं।

कुमाऊं मंडल में बने क्रय केंद्रों पर एक अप्रैल से 30 जून तक सरकारी कांटों पर खरीद होनी है। लेकिन अब तक केवल 350 कुंतल गेहूं की ही खरीद हो पाई है, जबकि नैनीताल और चंपावत जिले के सरकारी कांटों पर खरीद शून्य के बराबर है।

कुमाऊं मंडल में 15 लाख कुंतल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इसके सापेक्ष महज 350 कुंतल गेहूं की ही खरीद हो पाई है। इससे अधिकांश क्रय केंद्र सूने पड़े हैं। क्रय केंद्रों पर उपज की बिक्री के लिए किसानों की कम आवक के चलते जिले में गेहूं खरीद गति नहीं पकड़ रही है।

वैसे तो क्रय केंद्रों पर किसानों की सुविधाओं को लेकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गईं हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी किसान उपज लेकर क्रय केंद्र पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसका कारण यह है कि निजी तौल केंद्रों पर गेहूं 2500 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बिक रहा है।

जिसमें उन्हें मुनाफा अधिक मिल रहा है। जबकि सरकार ने इसके लिए न्यूनतम समर्थित मूल्य 2125 रुपये रखा है। ऐसे में कुमाऊं संभाग कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, चंपावत और नैनीताल जिले में अभी तक शून्य खरीद है। जबकि अन्य केंद्रों में भी अधिक खरीद नहीं हुई है।