छत्तीसगढ़: मोबाइल फोन के लिए पानी की बर्बादी, तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

 छत्तीसगढ़: मोबाइल फोन के लिए पानी की बर्बादी, तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बांध के बाहरी हिस्से में मोबाइल गिरने के कारण लाखों लीटर पानी बहाने के मामले में पुलिस ने खाद्य विभाग के निरीक्षक और जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

कांकेर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के नायब तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) की शिकायत के आधार पर पखांजूर पुलिस थाने में खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास, जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल धीवर और विभाग के सब इंजीनियर छोटेलाल ध्रुव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि विश्वास ने कथित तौर पर बांध के बाहरी हिस्से में जमा पानी को बाहर निकाल कर बर्बाद कर दिया। वहीं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने विश्वास की मदद की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 430, 34 के तहत ममला दर्ज किया गया है। इस मामले में पखांजूर में तैनात विश्वास और धीवर को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

प्राथमिकी के अनुसार नायब तहसीलदार ने अपनी शिकायत में कहा है कि विश्वास (33) अपने दोस्तों के साथ 21 मई को खैरकट्टा गांव के परालकोट जलाशय में घूमने गया था। इस दौरान उसका मोबाइल पानी में गिर गया। विश्वास ने कथित तौर पर अपना मोबाइल फोन निकालने के लिए चार दिनों तक हजारों लीटर पानी निकाल दिया। पानी का उपयोग गर्मी में पशु-पक्षी तथा मानव जीवन के उपयोग के लिए किया जाता है। इसमें कहा गया है कि धीवर और ध्रुव ने पानी बर्बाद करने में विश्वास का सहयोग किया, जिससे कृषि और अन्य गतिविधियों के लिए एकत्र किये गये पानी की बर्बादी हुई।

अधिकारियों ने बताया था कि विश्वास ने 25 मई को अपने मोबाइल फोन को निकाले जाने से पहले चार दिनों तक कथित रूप से 41 लाख लीटर पानी को जलाशय के बाहरी हिस्से से निकाला था। अगले दिन मामला सामने आने के बाद कांकेर जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

कलेक्टर ने कथित तौर पर पानी निकालने की मौखिक अनुमति देने पर एसडीओ धीवर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। एसडीओ धीवर को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। विश्वास को बिना अनुमति लिए पानी निकालने पर दस दिनों के भीतर विभाग को 53,092 रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है।

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