कानपुर : राजकीय बालगृह (बालिका) में किशोरी की हालत बिगड़ी, हैलट में हुई मौत

कानपुर : राजकीय बालगृह (बालिका) में किशोरी की हालत बिगड़ी, हैलट में हुई मौत

अमृत विचार, कानपुर । स्वरूप नगर स्थित राजकीय बाल गृह (बालिका) में बुधवार को एक किशोरी की हालत बिगड़ने पर उसे हैलट में भर्ती कराया गया। जहाँ कुछ ही घंटे में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने उसके स्वस्थ होने का दावा करते हुए दुष्कर्म की आशंका जताते हुए हत्या का आरोप लगाया है। पोस्टमार्टम में उसकी मौत का कारण स्पष्ट न होने से बिसरा सुरक्षित रखा गया है। साथ ही दुष्कर्म की पुष्टि करने के लिए स्लाइड बनाई गई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि आरोपों की जांच कराई जाएगी।

पिता ने बेटी की मौत को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग रखी

बदायूं मीरा संराय सिविल लाइंस निवासी प्राइवेट कर्मी का एक बेटा और दो बेटियां थीं। दूसरे नंबर की बेटी की उम्र 16 साल थी। वह बीते साल प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी। पुलिस ने उसको बरामद कर घरवालों से मिलवाया, लेकिन उसने घर जाने से मना कर दिया। पुलिस को मजबूरन उसको बदायूं नारी निकेतन में रखना पड़ा। दिसंबर 2021 को नारी निकेतन से दो लड़कियों के भागने से किशोरी को राजकीय बाल गृह बालिका में शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार को अचानक तबियत खराब होने पर उसको हैलट में भर्ती कराया। कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। जानकारी पर परिजन आए। पिता ने बेटी के साथ दुष्कर्म की आशंका जताते हुए हत्या का आरोप लगाया है।

पिता का कहना है कि मैं बेटी से मिलने के लिए अक्सर आता था। मैनें कई बार बेटी को ले जाने के लिए भी कहा, लेकिन मना कर दिया गया। उनको बेटी को ले जाने नहीं दिया गया। वह पिछले माह आए थे। तब बेटी पूरी तरह से स्वस्थ थी। एक माह में क्या हो गया जो वह मर गई। उन्होंने कहा कि मुझे फोन पर कहा गया कि बेटी बीमार है। जब मैनें दबाव बनाया तब बेटी की मौत की सच्चाई बताई गई। आखिर ऐसा क्यों किया गया? पिता ने राजकीय बाल गृह (बालिक) पर बेटी के प्रेमी से मिले होने का भी आरोप लगाया।

एक माह से बीमार चल रही थी किशोरी

जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह ने बताया कि किशोरी एक माह से बीमार चल रही थी। उसके गले में गांठ थी। टीबी की आशंका के तहत टेस्ट भी कराया गया था, लेकिन टीवी नहीं निकला था। हैलट से उपचार चल रहा था। बुधवार को अचानक बीमार होने पर हैलट में भर्ती कराया था। वहीं, किशोरी के पिता का कहना है कि अगर बेटी बीमार थी तो उनको जानकारी क्यों नहीं दी। उसके दवा और इलाज के पर्चे दिखाए जाए। उसके सिर से खून कैसे निकला?

वीडियोग्राफी के साथ तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम

राजकीय बाल गृह (बालिक) में किशोरी की मौत के बाद नियमों के तहत एसडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने पंचायतनामा की कार्रवाई की गई। इसके साथ ही तीन डॉक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। अब बिसरा को जांच के लिए भेजा जाएगा। जिसकी रिपोर्ट से मौत का कारण पता चलेगा। वहीं, दुष्कर्म की आशंका को देखते हुए स्लाइड बनाई गई है।

जिलाधिकारी ने दिया मजिस्ट्री जांच का आदेश

जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी विशाख जी अत्यर ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश किया है। अगर राजकीय बाल गृह (बालिका) का कोई कर्मचारी कोई तत्थ छुपा रहा है तो जांच में सामने आ जाएगा।

विवादों में रहता है राजकीय बालगृह (बालिका)

राजकीय बालगृह (बालिका) अक्सर विवादों में रहता है। इससे पहले 10 सितंबर 2021 दो किशोरी यहां से भाग गई थी। 22 जून 2020 को सात किशोरियां गर्भवती निकली थीं। कोरोना काल में यहां पर 50 से ज्यादा किशोरियों को कोरोना हुआ था।

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