उन्नाव जिले में नहीं मिला न्याय तो परिवार पहुंचा लखनऊ, विधानसभा के बाहर दिया धरना
उन्नाव जिले में नहीं मिला न्याय तो परिवार पहुंचा लखनऊ।
उन्नाव जिले में न्याय नहीं मिलने पर पीड़ित परिवार ने लखनऊ विधानसभा के बाहर धरना दिया। मौरावां में हुई मारपीट में पुलिस ने दोनों ओर से एनसीआर दर्ज कर अपना दायित्व निभा शांत हो गई।
उन्नाव, अमृत विचार। मौरावां थानांतर्गत दो दिन पूर्व दो पक्षों में हुई मारपीट मामले में पुलिस ने दोनों ओर से एनसीआर दर्ज कर दायित्व निभा शांत हो गई। जिसके बाद एक पक्ष पूरे परिवार के साथ विधानसभा के सामने पहुंचकर धरने में बैठ गया। मामला राजधानी पहुंचा तो जिला पुलिस में हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया में आत्मदाह के प्रयास की खबर वायरल हुई लेकिन, इसका पुरवा सीओ ने खंडन किया है।
जिले के पुलिस अफसरों में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब मारपीट के मामले में एक पक्ष के कई लोग राजधानी जा कर विधानसभा गेट के सामने सड़क पर बैठ गए अचानक शुरू हुए हंगामे पर लखनऊ पुलिस ने आनन फानन सभी को वहां से हटा कर किनारे किया। जिले के अफसरों को सूचना दी गई। इसी बीच सोशल मीडिया में पीड़ित परिवार के द्वारा आत्मदाह के प्रयास की अफवाह उड़ी।
जिसका पुलिस द्वारा खंडन किया गया। सूत्रों के अनुसार उनके पास कोई ज्वलनशील पदार्थ भी नहीं मिला । बता दे गत 7 जून को मौरावां के स्वयंवर खेड़ा में जमीन के विवाद में चंद्रकली पत्नी सुखराम उसके परिजनों और दूसरे पक्ष के बलजीत , पप्पू पुत्रगण रंजीत सिंह सहित पिंकी अनिता से जमकर मारपीट हुई। दोनो पक्षों से कई लोगों को चाटे आई । मामला थाने पहुंचा दोनो की एनसीआर दर्ज कर पुलिस शांत हो गई। दूसरे पक्ष के लोग पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। बीते दिवस भी वो एसपी आफिस आए थे।
लेकिन शुक्रवार को सभी विधानसभा के सामने पहुंच गए। हालाकि पुलिस का दावा है कि घटना के दो आरोपी राहुल और मोहित को पकड़ा जा चुका है। वहीं पूरे मामले में सीओ संतोष सिंह ने बताया मारपीट का विवाद था। जिसमे एनसीआर दर्ज कर कार्रवाई की गई। एक पक्ष के लोग लखनऊ विधानसभा के सामने गए थे जिन्हे वहां की पुलिस ने रोक लिया। उन्होंने बताया आत्मदाह का प्रयास की बात गलत है। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गलत सूचना दी गई।
परिवार को लाने गई पुलिस टीम
लखनऊ पुलिस ने परिवार की महिलाओं को रोक कर मौरावां पुलिस को सूचना दी। जिसके थाने से एक टीम सभी को लाने भेजी गई। एसओ अमरनाथ यादव के अनुसार पारिवारिक जमीन का आपस में विवाद है। दोनो पक्षों पर कार्रवाई की जा रही है। किसी तरह का पक्षपात या ढिलाई नहीं बरती गई।
