बरेली: महीना भर पहले पूरी हो गई जांच...अब रिपोर्ट नहीं बना पा रहे अफसर, जानिए क्या है पूरा मामला
महीना भर पहले पूरी हो गई जांच... अब रिपोर्ट नहीं बना पा रहे अफसर,
बरेली, अमृत विचार। कृषि विभाग में फार्म मशीनरी बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर योजना में हुए करोड़ों के गोलमाल की जांच करीब एक महीने पहले पूरी हो चुकी है लेकिन अब इस जांच की रिपोर्ट तैयार करने में अफसरों को मुश्किल हो रही है। बताया जा रहा है कि जांच में तत्कालीन कृषि उपनिदेशक समेत कई बाबुओं को दोषी पाया गया है। रिपोर्ट तैयार करने में पसोपेश इसलिए है क्योंकि एक तो दबाव पड़ रहा है, दूसरे घोटाले के प्रमाण इतने साफ हैं कि उन्हें छिपाना मुश्किल है।
फार्म मशीनरी बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर योजना में यह गोलमाल वर्ष 2020-21 और 2021-22 में हुआ था। दोनों योजनाओं में लाभार्थियों का ऑनलाइन चयन किया जाना था लेकिन इसके बावजूद इस सिस्टम में सेंध लगाकर कहीं अपात्रों का चयन किया गया, कहीं एक ही व्यक्ति को दो बार योजना का लाभ दे दिया गया। सपा विधायक अताउर रहमान की शिकायत पर डीएम ने दो महीने पहले दो सदस्यीय कमेटी बनाकर डीसी मनरेगा गंगाराम और एसडीएम बहेड़ी को जांच सौंपी थी।
बताया जाता है कि जांच में तत्कालीन उप कृषि निदेशक और बाबुओं की साठगांठ से एक ही लाभार्थी को दो-दो बार कृषि यंत्रों का लाभ दिलाने की पुष्टि हो गई। यह भी पता चला कि इस खेल में उपनिदेशक कार्यालय में 15 से 20 साल से डटे बाबुओं का हाथ था। तत्कालीन उपनिदेशक के खिलाफ भी पर्याप्त सुबूत मिले। पिछले महीने यह जांच पूरी हो गई लेकिन फिर भी अब तक रिपोर्ट नहीं बन पाई है। इस बीच इस घोटाले में फंसे अधिकारियों और बाबुओं की ओर से अधिकारियों पर लगातार दबाव डलवाया जा रहा है।
घोटाले के सुबूत स्पष्ट होने के साथ जांच करने वाले अधिकारियों की दूसरी मुश्किल यह है कि इस मामले में शासन के आदेश पर हाथरस के कृषि उपनिदेशक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम भी जांच कर सीधे शासन को रिपोर्ट भेज चुकी है। ऐसे में जांच रिपोर्ट में कोई भी हेराफेरी खुद उनकी गर्दन भी फंसाने का कारण बन सकती है।
पांच दिन पहले रिपोर्ट भेजने का दावा किया लेकिन भेजी नहीं
डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा का पांच दिन पहले कहना था कि जांच पूरी हो चुकी है। एसडीएम बहेड़ी के साथ रिपोर्ट का अवलोकन किया जा रहा है। एक-दो दिन में डीएम को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। हालांकि इसके बावजूद अब तक यह रिपोर्ट डीएम को नहीं भेजी गई है।
कुछ खास लोग हड़प गए पूरी योजना
कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक योजना का लाभ जिले के हर ब्लॉक में दिया जाना था। इसके बावजूद इसे सिर्फ नवाबगंज, शेरगढ़, भोजीपुरा समेत चार ब्लॉकों में निपटा दिया गया। आरोप था कि कृषि यंत्रों की खरीद में जमकर कमीशनखोरी की गई। नीचे से ऊपर तक अफसर लगातार दो साल बेखबर बने रहे। योजना का पूरा लाभ कुछ खास लोगों को ही दे दिया गया। उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात कृषि यंत्रीकरण योजना के पटल सहायक पर गोलमाल का सीधा आरोप लगाते हुए तत्कालीन उपनिदेशक पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
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