लखनऊ : स्थानान्तरण नीति - 2023 के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन, महानिदेशक को इस बात के लिए ठहराया जा रहा जिम्मेदार

लखनऊ : स्थानान्तरण नीति - 2023 के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन, महानिदेशक को इस बात के लिए ठहराया जा रहा जिम्मेदार

लखनऊ, अमृत विचार। स्थानांतरण नीति 2023 के विरोध में गुरुवार को राजधानी स्थित बलरामपुर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं काला फीता बांधकर विरोध जताया है। अकेले बलरामपुर अस्पताल में ही नहीं बल्कि लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुर्खजी चिकित्सालय, राज नारायण लोकबन्धु चिकित्सालय, ठाकुरगंज टी बी चिकित्सालय, महानगर सिविल चिकित्सालय, वीरांगना बाई महिला चिकित्सालय, झलकारी बाई चिकित्सालय एंव रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय सहित सभी सीएचसी और पीएचसी में सभी संवर्गो के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में काला फीता बांध कर आक्रोश व्यक्त किया है। इस प्रदर्शन के लिए महानिदेशक के अड़ियल रवैये को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

दरअसल, शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2023 की का कर्मचारी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन की चेतावनी जारी होने के 24 धन्टे बीत जाने के बाद भी न शासन ,न प्रशासन और न ही चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से कोई वार्ता का प्रस्ताव आया, जिससे यह प्रतीत होता है की शासन खुद चाह रहा है की आधिकारी और कर्मचारी पूर्ण रुप से हड़ताल पर जाए। 

21 जून को चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश के आवाह्न पर दूसरे दिन गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ में सहित पूरे प्रदेश में काला फीता बांधकर आन्दोलन किया गया। जिसमें प्रान्तीय चिकित्सा संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन,लैब टेक्नीशियन एशोसिएशन, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश,सहायक प्रयोगशाला संघ , एक्स-रे टेक्नीशियन एशोसिएशन , डार्क रूम असिस्टेंट एशोसिएशन, टीवी  कन्ट्रोल इम्प्लॉइज एशोसिएशन, ईसीजी टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन कम जनरेटर आपरेटर संघ, टीवी मेल हेल्थ विजिटर्स संघ, मिनिस्ट्रीयल एशोसिएशन स्वास्थ्य भवन, इत्यादि के सम्सत अधिकारियों,कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया सभी ने शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2023 की निन्दा की। 

प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र के अन्य संगठनो ने भी महासंघ के आंदोलन को नैतिक सर्मथन देते हुए आदोलन में सहयोग की लिखित सहमति दी है,जिसमें मुख्य रुप से राममनोहर लोहिया नर्सेस संघ शामिल है।  प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा की महासंघ अब भी जनहित में सरकार से वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन महानिदेशक के अड़ियल रवैया सरकार की छवि धुमिल कर रही हैं। क्योंकि महानिदेशक की तरफ से प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य की बैठक स्थगित कराया जाना इसका प्रमाण है। महासंघ की मांगों पर विचार नहीं किये जाने से जिससे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।                  

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